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ड्रग्स से जुड़े अपराध करने पर अब श्रीलंका में होगी मौत की सजा

हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी ऐसी ही सिफारिश केंद्र सरकार से की थी

FP Staff

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हाल ही में केंद्र सरकार से मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के लिए मुत्युदंड की सिफारिश करने का निर्णय लिया था. उन्होंने कहा था कि मादक पदार्थ की तस्करी पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है और इसके लिए मिसाल लायक सजा होनी चाहिए. श्रीलंका की सरकार भी ड्रग्स तस्करों से ऐसे ही निपटने की तैयारी कर चुकी है.

श्रीलंका की कैबिनेट ने मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों के लिए मौत की सजा बहाल करने संबंधी कदम को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है जिससे करीब 40 साल बाद मृत्युदंड फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. श्रीलंका में लंबें समय से किसी को मौत की सजा नहीं दी गई है क्योंकि वर्ष 1978 से लेकर अब तक जो भी राष्ट्रपति हुए हैं उन्होंने ‘डेथ वारंट’ जारी नहीं किया है.


बौद्ध मामलों के मंत्री गामिनी जयविक्रमा परेरा ने कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने हाल में कहा था कि गंभीर अपराधों के लिए मौत की सजा फिर से शुरू करने को लेकर वह दबाव में हैं.

परेरा ने बताया कि कैबिनेट इस पर सर्वसम्मति से सहमत हुआ. हमलोग जेल में बंद कैदियों को अपराधों को निर्देशित करके देश को बर्बाद करने की इजाजत नहीं दे सकते. ये कैदी जेल के अंदर से मादक पदार्थ का कारोबार चलाते हैं. श्रीलंका में वर्ष 1976 से फांसी की सजा पर रोक है. मृत्युदंड पाने वाले कैदी आजीवन जेल में ही रहते हैं.

(इनपुट भाषा से)