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चीन में SCO का पूर्ण अधिवेशन शुरू, PM मोदी ने रखी 'भारत की बात'

पीएम मोदी ने अफगानिस्तान में आतंकवाद की बात की. साथ में भारत में एससीओ देशों का पर्यटन के क्षेत्र में क्या भूमिका हो, इस पर अपनी राय रखी

FP Staff

चीन के चिंगदाओ शहर में शंघाई सहयोग संगठन का सम्मेलन चल रहा है. रविवार को इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी मौजूद थे. एससीओ देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में पीएम मोदी ने भारत के कई मुद्दों को दुनिया के सामने रखा.

पीएम मोदी ने इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की जहां तक बात है तो यह दुर्भाग्य से आतंकवाद का शिकार देश है. मैं उम्मीद करता हूं कि राष्ट्रपति गनी ने अमन-चैन के लिए जो कदम उठाए हैं, उसे आसपास के सभी देश सम्मान देंगे.


भारत में पर्यटन की संभावनाओं पर पीएम मोदी ने कहा, भारत में सिर्फ 6 प्रतिशत टूरिस्ट ही एससीओ देशों से आते हैं जिसे आसानी से दोगुना तक बढ़ाया जा सकता है. हमारी साझा संस्कृति के बारे में लोगों को जागरूक कर सैलानियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. इसे देखते हुए हमलोग एससीओ फूड फेस्टिवल और बुद्ध महोत्सव मनाने की तैयारी कर रहे हैं.

इससे पहले शनिवार को दोपक्षीय संबंधों में तेजी लाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने विस्तृत वार्ता की जिसमें दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति जारी रखने के साथ ही अगले साल भारत में अनौपचारिक वार्ता करने पर सहमति जताई.

दोनों नेताओं ने वुहान में करीब छह सप्ताह पहले हुई अनौपचारिक मुलाकात से दोपक्षीय संबंधों में आई तेजी को आगे बढ़ाते हुए भारत और चीन के लोगों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए एक नया सिस्टम बनाने का फैसला किया. यह बैठक एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर हुई और इसमें दोपक्षीय संबंधों के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा हुई जिसमें दोनों देशों की ओर से डोकलाम गतिरोध और कई अन्य मसलों से प्रभावित उनके संबंधों में विश्वास बहाल करने की कोशिश दिखी.

बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘इस साल के एससीओ के मेजबान राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात हुई. हमने दोपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की. हमारी बातचीत भारत-चीन मित्रता में नई शक्ति प्रदान करेगी.’

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा कि चीन आपसी राजनीतिक विश्वास निरंतर बढ़ाने और सभी मुद्दों पर आपसी लाभकारी सहयोग करने के लिए वुहान बैठक को ‘नए शुरुआती बिंदु’ के तौर पर लेने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है ताकि चीन-भारत संबंधों को बेहतर एवं गतिशील तरीके से आगे बढ़ाया जा सके.

(इनपुट भाषा से)