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विद्वानों ने चीनी निवेश को निमंत्रित करने के भारत के कदम का स्वागत किया

बीजेपी महासचिव राममाधव के साथ पार्टी और सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों असम, त्रिपुरा और नगालैंड के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने पिछले सप्ताहांत चीनी शहर गुआंगझोउ का दौरा किया था और भारतीय एवं चीनी व्यापारियों से मुलाकात की थी

Bhasha

चीन में विद्वानों ने पूर्वोत्तर राज्यों को बांग्लादेश के चट्टगांव बंदरगाह से जोड़कर उनके विकास के लिए सीमित चीनी निवेश को आमंत्रित करने के भारत के कदम का सावधानी के साथ स्वागत किया है.

भारत ने अपने पूर्वोत्तर राज्यों को चट्टगांव से जोड़कर उनका विकास करने की एक बड़ी योजना का शुभारंभ किया है और पहली बार सीमित चीनी निवेश को आमंत्रित किया है. इससे अबतक सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चिंताओं की वजह से दूरी बनाकर रखी गई थी.


बीजेपी महासचिव राममाधव के साथ पार्टी और सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों असम, त्रिपुरा और नगालैंड के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों ने पिछले सप्ताहांत चीनी शहर गुआंगझोउ का दौरा किया था और भारतीय एवं चीनी व्यापारियों से मुलाकात की थी.

सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत बांग्लादेश संपर्क परियोजना में भागीदार बनने के लिए चीन को न्यौता दिया जाना एक आश्चर्यजनक कदम है जिसका चीनी पर्यवेक्षकों ने संभलकर स्वागत किया है.

यहां शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज सेंटर फॉर एशिया पैसेफिक स्टडीज के निदेशक झाओ गानचेंग ने कहा, ‘यदि भारत सरकार पूर्वात्तर की इस परियोजना में भागीदार बनने के निमंत्रण पर मुहर लगाती है तो इसका मतलब होगा कि भारत चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की ओर बढ़ रहा है.’

चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एसोशिएट रिसर्च फैलो लान ने जेइयान भी झाओ से सहमति जताई. जेइयान ने कहा कि जब तक परियोजना सीमा विवाद में नहीं फंसेगी, चीन इसमें भागीदार कर सकता है.