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सऊदी अरब में पहली बार महिलाओं को मिलेगा गाड़ी चलाने का हक

सऊदी अरब में पहली बार महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई है

FP Staff

सऊदी अरब में पहली बार महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई है. सऊदी अरब के सरकारी मीडिया के मुताबिक, सऊदी शाह मोहम्मद बिन सलमान ने एक आदेश जारी करते हुए, महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिया है. सऊदी शाह सलमान का ये आदेश 24 जून 2018 तक लागू किया जाएगा. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी. इसके लिए एक कमिटी बनाई गई है, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट तैयार करेगी.

बता दें कि सऊदी अरब एकमात्र ऐसा देश है, जहां महिलाओं के गाड़ी चलाने पर बैन है. सऊदी अरब में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां हैं. उन्हें अभी तक वो अधिकार नहीं मिले हैं, जो दुनिया के बाकी देशों की महिलाओं को हैं. यहां महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार दिलाने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा था. कई महिलाओं को तो नियम तोड़ने के लिए सजा तक दी गई.


प्रिंस खालिद बिन सलमान ने सऊदी शाह के इस फैसले को 'विजन 2030' का हिस्सा बताया है. 32 वर्षीय सऊदी शाह मोहम्मद बिन सलमान के इस फैसले से सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था और महिलाओं की काम करने की योग्यता बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. हालांकि इस आदेश में शरिया कानून का भी ध्यान रखने की बात कही गई है.

सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक, इस फैसले से ट्रैफिक नियमों के कई प्रावधानों को लागू किया जाएगा, जिसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए एक जैसे ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना भी शामिल है.

सऊदी अरब में महिलाओं की स्थिति

- सऊदी अरब में महिलाओं के प्रति होने वाली घरेलू हिंसा और यौन शोषण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है. एक स्टडी में यहां के 53 फीसदी पुरुषों ने माना था कि उन्होंने घरेलू हिंसा की है. वहीं, 32 फीसदी ने यह भी माना कि उन्होंने अपनी पत्नी को बुरी तरह चोट पहुंचाई है.

- सऊदी में महिलाएं अकेले प्रॉपर्टी भी नहीं खरीद सकतीं. यहां एक महिला के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के लिए दो पुरुष गवाह जरूरी हैं.

- पुरुष गवाह के बिना महिलाओं की पहचान की पुष्टि नहीं हो सकती. इसके साथ ही उन दो पुरुषों की विश्वसनीयता की पुष्टि करने के लिए चार और पुरुष गवाहों की जरूरत होती है.

- सऊदी अरब में पुरुषों की तरह महिलाओं को कानूनी तौर पर बराबरी हासिल नहीं है.

- यहां महिलाओं को अपना पति चुनने से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक इस्तेमाल करने का हक नहीं है.

(साभार न्यूज 18)