अभी हाल ही में सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस मिलने की इजाजत मिली है. ये आदेश 24 जून 2018 तक लागू किया जाएगा. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी. इसके लिए एक कमिटी बनाई गई है, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट तैयार करेगी.
सऊदी अरब एकमात्र ऐसा देश है, जहां अबतक औरतों के गाड़ी चलाने पर बैन था. वहां महिलाओं को अभी ऐसे कई अधिकार नहीं मिले हैं, जो दुनिया के बाकी देशों की महिलाओं को हैं. यहां महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस का अधिकार दिलाने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा था. कई ऐसे अधिकार हैं जिन्हें लेकर आज भी महिलाओं की लड़ाई जारी है.
आइए एक नजर उन बातों पर डालते हैं जिसकी इजाजत वहां की महिलाओं को अबतक नहीं मिली है और जो मिल गई है.
हाल ही में मिले अधिकार
-पिछले सप्ताह वहां औरतों को पहली बार स्पोर्ट्स स्टेडियम में जाने का मौका मिला है.
-उन्हें अब काम करने के लिए पुरुष के इजाजत की जरूरत नहीं है.
-इस साल पहली बार, सरकार ने पब्लिक स्कूलों में लड़कियों को स्पोर्ट्स खेलने की अनुमति दी. उनकी पहुंच फिजिकल एजुकेशन तक हुई है.
-मई में, कई सरकारी कार्यालयों से कहा गया कि महिलाओं को अभिभावक की अनुमति के बिना सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए.
-प्रवासी महिलाओं को जहां घूंघट कर के बाहर निकलने की इजाजत थी वो अब सिर्फ अबाया के साथ बाहर निकल सकती हैं.
वो अधिकार जो अभी तक नहीं मिले हैं-
-सऊदी में औरतें अभी भी बिना किसी पुरुष अभिभावक की इजाजत के शादी नहीं कर सकती हैं, उन्हें पासपोर्ट नहीं मिल सकता, अकेले घूमने नहीं जा सकती हैं और यहां तक कि बैंक में अकाउंट भी नहीं खोल सकतीं.
-वो अपने परिवार के अलावा किसी भी पुरुष के साथ बाहर मिल-जुल नहीं सकती हैं.
-उन्हें अबतक वैसे रेस्टोरेंट्स में खाना खाने की भी इजाजत नहीं है जहां परिवार का सेक्शन अलग न हो.
-औरतें बिना अबाया के बाहर नहीं निकल सकतीं हैं. हालांकि सऊदी के रियाध में कुछ दिनों पहले औरतों को बिना चेहरा ढंके निकलने की इजाजत मिली है.
-तलाक के बाद उन्हें अपने बच्चों को रखने का भी अधिकार नहीं है. उनके पास लड़की हुई तो 9 साल तक या लड़का हुआ तो 7 साल के बाद वो पिता के पास चला जाएगा.
-सऊदी में महिलाएं अकेले प्रॉपर्टी भी नहीं खरीद सकतीं. यहां एक महिला के तौर पर प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के लिए दो पुरुष गवाह जरूरी हैं.
-सऊदी अरब में पुरुषों की तरह महिलाओं को कानूनी तौर पर बराबरी हासिल नहीं है. ऐसे कई काम जिन्हें पुरुष कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए वो काम प्रतिबंधित हैं.