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रूस का साइबर हमला एक ‘अलग-थलग पड़े देश’ का कृत्य: ब्रिटिश मंत्री

ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गैविन विलियमसन कहा, रूस ने जहां भी अंधाधुंध और दुस्साहसिक तरीके से कदम उठाए, जहां भी उन्होंने साइबर हमले के रूप में यह किया, हम उनका पर्दाफाश करेंगे

Bhasha

ब्रिटेन ने रूस पर दुनियाभर में साइबर हमले करने का आरोप लगाते हुए इसे एक ‘अलग-थलग पड़े देश’ का दुस्साहसिक कृत्य बताया और कहा कि ब्रिटेन और उसके नाटो सहयोगी भविष्य में ऐसी गतिविधियों का पर्दाफाश करेंगे.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्री गैविन विलियमसन ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस और उनके नाटो सहयोगियों के समकक्षों के साथ वार्ता के दौरान ब्रसेल्स में गुरुवार को कहा, ‘रूस ने जहां भी अंधाधुंध और दुस्साहसिक तरीके से कदम उठाए, जहां भी उन्होंने साइबर हमले के रूप में यह किया, हम उनका पर्दाफाश करेंगे.’


उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने कहा कि रूस की सैन्य खुफिया इकाई जीआरयू इन वैश्विक साइबर हमलों के पीछे है. ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र ने कहा कि पहले के साइबर हमलों के साथ-साथ जीआरयू ने चार नए हमले किए हैं.

ब्रिटिश अधिकारियों ने रूस पर मार्च में इंग्लैंड के सैलिस्बरी शहर में रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी यूलिया पर नर्व एजेंट हमला करने का आरोप लगाया था. रूस ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.

विलियमसन ने कहा, ‘यह एक शक्तिशाली देश का कृत्य नहीं है. यह अलग-थलग पड़े देश का काम है और हम उन्हें अलग-थलग करने और उन्हें समझाने के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे कि वे इस तरह का आचरण जारी नहीं रख सकते.’

इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और विदेश मंत्री मैरिस पायने ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसियां इस बात से सहमत हैं कि जीआरयू ‘इस तरह की दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि के लिए जिम्मेदार है.’