जी-7 नेताओं ने रूस से कहा कि वो लोकतंत्र को कमजोर करने के अपने प्रयास बंद करे. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो वो इस समूह में रूस के फिर से शामिल होने के सभी दरवाजे बंद कर देंगे.
रूस को इस समूह में शामिल करने की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अपील को नकारते हुए जी7 ने ब्रिटेन के उन आरोपों का समर्थन किया जिसमें उसने कहा था कि रूस ने दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड में उसके एक पूर्व खुफिया अधिकारी को जहर देकर मारने का प्रयास किया था.
कनाडा में शिखर सम्मेलन के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘हम रूस से उसके अस्थिर व्यवहार, लोकतंत्र को कमजोर करने की उसकी प्रणाली और उसके सीरियाई शासन को समर्थन रोकने की अपील करते हैं.’
बयान में कहा गया है, ‘हम ब्रिटेन के सैलिसबरी में सैन्य ग्रेड के एक नर्व एजेंट से किए गए हमले की निंदा करते हैं. हम ब्रिटेन की उस जांच से काफी हद तक सहमत हैं जिसमें इस हमले के लिए रूसी संघ के जिम्मेदार होने की आशंका प्रकट की गई है. इसकी कोई वैकल्पिक स्वीकार्य व्याख्या भी नहीं दी जा सकती.’
बयान में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि रूस को समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. बता दें कि जी7 के इस समूह से रूस को वर्ष 2014 में बाहर किया गया था.
हालांकि नेताओं ने कहा कि वो रूस के साथ उन क्षेत्रीय मुद्दों और वैश्विक चुनौतियों पर कार्य करना जारी रखेंगे, जहां वो उनके हित में हैं.