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म्यांमार: रोहिंग्या आतंकवादियों ने की महीने भर की संघर्ष विराम की घोषणा

जातीय हिंसा भड़कने की वजह से बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों को घर-बार छोड़कर भागना पड़ा है

Bhasha

म्यामांर में रोहिंग्या आतंकवादियों ने एक महीने के एकपक्षीय संघर्ष विराम की घोषणा की है. अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने रविवार को अपने ट्विटर अकाउंट @ARSA_Official पर कहा, ‘अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी आक्रामक सैन्य अभियानों पर अस्थायी विराम की घोषणा करती है.’ उसने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि प्रभावित क्षेत्र में मानवीय मदद पहुंचाई जा सके.

समूह ने अपील करते हुए कहा कि मानवीय सहायता मुहैया कराने वाले सभी मददगार 9 अक्टूबर तक चलने वाले संघर्ष विराम के दौरान ‘मानवीय संकट के सभी पीड़ितों को’ सहायता पहुंचाना शुरू करें ‘भले ही वो किसी भी जाति या धार्मिक पृष्ठभूमि से संबंधित हों’. समूह ने यह भी अपील किया कि म्यामांर संघर्ष में ‘इस मानवीय विराम पर उचित प्रतिक्रिया’ दे. ऐसा बताया जा रहा है कि दो हफ्ते तक चली हिंसा के बाद रखाइन से विस्थापित कई लोगों को फौरन मदद की जरूरत है.

एआरएसए अक्सर अपने ट्विटर पेज पर बयान जारी करता है. रविवार को जारी किए गए बयान पर अता उल्लाह के हस्ताक्षर हैं, जो बांग्लादेश-म्यामांर सीमा पर जंगल में अपने शिविरों से आतंकवादियों को कथित तौर पर आदेश जारी करता है.

एआरएसए के सैकड़ों आतंकवादियों ने उत्तरी रखाइन राज्य की लगभग 30 पुलिस चौकियों और राज्य कार्यालयों पर 25 अगस्त को हमले शुरू किए थे. इस दौरान सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई के कारण बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमानों को अपना घर-बार छोड़कर जाना पड़ा था.

बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों ने कहा है कि सुरक्षाबलों और जातीय रखाइन बौद्ध धर्म अनुयायियों ने अपनी कार्रवाई में सैकड़ों गांवों में आग लगा दी है और कई ग्रामीणों को मार डाला है.