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लंबी उम्न का नया फंडा: कम खाओ, जवान रहो, ज्यादा जियो

वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया कि कम खाने से शरीर के बूढ़े होने की कोशिकीय प्रक्रिया सुस्त की जा सकती है

Bhasha

एक नई स्टडी में वैज्ञानिकों ने चिर-यौवन के कुछ राज खोलते हुए कहा है कि कम खाने से और कम कैलोरियों के सेवन से बुढ़ापे की रफ्तार सुस्त की जा सकती है. साथ ही लंबे एवं स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जा सकता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि बुढ़ापे के लक्षणों से लड़ने के उत्पाद बनाने का अरबों डॉलर का उद्योग है. लेकिन ये सभी उत्पाद बस उपरी तौर पर ही असर डालते हैं.


उनका कहना है कि बुढ़ापे की प्रक्रिया गहरी है, यह एक कोशिकीय प्रक्रिया है. वैज्ञानिकों ने पाया कि कम खाने से यह कोशिकीय प्रक्रिया सुस्त की जा सकती है.

उनकी रिसर्च से यह जानने में मदद मिलती है कि कैसे कैलोरियों में कटौती से कोशिका के अंदर का बुढ़ापा प्रभावित होता है.

रिसर्चर्स ने पाया कि जब कोशिका के प्रोटीन-निर्माता राइबोसोम सुस्त पड़ते हैं तो बुढ़ापे की प्रक्रिया भी सुस्त पड़ती है. गति में आई यह कमी उत्पादन में गिरावट लाती है, लेकिन साथ ही राइबोसोम को अपनी मरम्मत करने के लिए अतिरिक्त वक्त भी देती है.

अमेरिकी की ब्राइगम यंग युनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन प्राइस ने कहा, ‘राइबोसोम किसी बेहद जटिल मशीन की तरह हैं, आपकी कार की तरह और अपने कल-पुर्जे को बदलने के लिए समय समय पर इसे मेनटेनेंस की जरूरत पड़ती है जो बहुत तेजी से घिसते हैं'.