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तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव में तैयब एर्दोआन ने हासिल की एकतरफा जीत

रविवार को हुए चुनाव के बाद पहले ही चरण में उन्हें आधे से ज्यादा वोट मिल चुके थे, जिसके चलते दूसरे चरण की जरूरत ही नहीं पड़ी

Bhasha

तुर्की के राष्ट्रपति चुनावों में रजब तैयब एर्दोआन ने जीत हासिल कर ली है. इसके साथ ही सत्ता पर एर्दोआन की पकड़ मजबूत हो गई है. हालांकि मतगणना को लेकर विपक्ष शिकायत कर रहा है. गौरतलब है कि15 वर्ष से एर्दोआन ही सत्ता पर काबिज हैं. मालूम हो कि रविवार को पहली बार तुर्की के मतदाताओं ने राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में एक साथ मतदान किया है.


शीर्ष चुनाव समिति (वायएसके) के प्रमुख सैदी गुवेन ने बताया कि एर्दोआन ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इन्स को पूर्ण बहुमत से हराया है. सैदी के मुताबिक पहले ही चरण में उन्हें आधे से ज्यादा वोट मिल चुके थे. जिसके चलते दूसरे चरण की जरूरत ही नहीं पड़ी.

चुनाव जीतने के बाद इस्तांबुल के अपने आवास से विजयी संदेश में एर्दोआन ने कहा, 'मुझ पर देश ने भरोसा जताते हुए राष्ट्रपति पद का कार्य और कर्तव्य सौंपे हैं.' उन्होंने 88 फीसदी मतदान की ओर संकेत करते हुए कहा, 'तुर्की ने पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है.'

स्थानीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार 99 प्रतिशत वोटों की गिनती के आधार पर एर्दोआन को राष्ट्रपति चुनावों में 52.5 प्रतिशत मत मिले हैं. वहीं धर्म निरपेक्ष रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी (सीएचपी) के उनके प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इन्स को 31.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं.

अब और शक्तिशाली हो जाएंगे राष्ट्रपति एर्दोआन

चुनाव जीतने के बाद एर्दोआन ने विजयी संदेश में कहा कि वह नई राष्ट्रपति प्रणाली को तेजी से लागू करेंगे. दरअसल अप्रैल 2017 में हुए जनमत संग्रह में नए संविधान पर सहमति बनी थी. इसके तहत एर्दोआन ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे जो बिना किसी प्रधानमंत्री के अत्यधिक अधिकार रखेंगे. इसका एर्दोआन ने मजबूती से समर्थन किया था लेकिन विरोधियों का कहना है कि इससे राष्ट्रपति को निरंकुश शक्तियां मिलेंगी.