अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर पाकिस्तान का जिक्र करते हुए अन्य देशों से तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की अपील की है.
शनिवार को तालिबान ने काबुल के दूतावासों वाले इलाके में विस्फोटकों से भरी एंबुलेंस में बम धमाका किया था. इस आतंकवादी हमले में 100 लोग मारे गए थे जबकि 158 अन्य घायल हो गए. युद्ध और हिंसा प्रभावित अफगानिस्तान में हाल के वर्षों में हुआ सबसे बड़ा हमला है.
ट्रंप ने कहा, ‘अब सभी देशों को तालिबान और उसका समर्थन करने वाले आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं शनिवार को काबुल में हुए घृणित कार बम हमले की निंदा करता हूं कि जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. यह क्रूर हमला हमारे और हमारे अफगान साझेदारों के संकल्प को मजबूत करता है.’
अफगानिस्तान को आतंकवादियों से मुक्त कराने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए ट्रंप ने कहा, ‘तालिबान की क्रूरता नहीं चलेगी.’
पाकिस्तान में आतंकवादी पनाहगाहों के कारण हमले करता है तालिबान
अमेरिका और अफगानिस्तान दावा करते हैं कि तालिबान पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी पनाहगाहों के कारण ऐसे हमले करता रहा है. हालांकि पाकिस्तान इन आरोपों का शुरु से खंडन करता रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और शक्तिशाली सुरक्षा परिषद ने भी काबुल में ‘निर्मम और कायरतापूर्ण हमले’ की कड़ी निंदा की है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने अपने बयान में ‘आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषियों, आयोजकों और उसे आर्थिक सहायता देने वाले लोगों को सजा देने की जरूरत’ पर जोर दिया.
गुतारेस ने एक बयान में कहा कि नागरिकों पर अंधाधुंध हमले मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन है और इसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.