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चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले PM मोदी, जानें मुलाकात की खास बातें

दोनों नेताओं के बीच इसके बाद की बातचीत शनिवार सुबह 10 बजे झील के किनारे टहलते और नौकायन करते हुए शुरू होगी

FP Staff

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक वार्ता के लिए प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को वुहान पहुंचे. इस दौरान दोनों नेता वैश्विक, क्षेत्रीय और दोपक्षीय मुद्दों पर एक-दूसरे से सीधी बातचीत हुई. हुबेई प्रोविंशियल म्यूजियम में दोपहर का भोजन करने के बाद दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ.

गौरतलब है कि चीन के क्रांतिकारी नेता माओ त्से तुंग छुट्टियों में अकसर वुहान और यहां स्थित ईस्ट लेक आना पसंद करते थे. इस स्थान की ऐतिहासिक विरासत को देखते हुए दोनों नेताओं की बैठक आयोजित की गई. गुरुवार की बैठक में क्या रहीं खास बातें, आइए जानते हैं.


- शी जिनपिंग से पहली मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने हुबई प्रोविंशियल म्यूजियम का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने चीन का लोकप्रिय वाद्य यंत्र (म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट) भी बजाया.

--गेस्ट हाउस में मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने कहा, शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने में भारत और चीन एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करेंगे. उन्होंने कहा, हमारे बीच की सोच, समान अवसर, संपर्क, सपने और संकल्प विश्व शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है.

--पीएम मोदी ने कहा, भारत के लोग इस बात पर गौरवान्वित हैं कि मैं ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिसके स्वागत में आप (चीन के राष्ट्रपति) दो बार राजधानी से बाहर आकर मुझसे मिले.

--प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारी (भारत-चीन) जिम्मेदारी है कि हम दुनिया की 40 फीसदी आबादी के लिए काम करें. हम दुनिया को कई समस्याओं से निकालने के लिए सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं. इस दिशा में काम करने के लिए यह बहुत बड़ा अवसर है.

--पीएम ने वुहान में कहा, मैं आशा करता हूं कि यह अनौपचारिक सम्मेलन दोनों देशों के लिए एक रिवाज बन जाए. मैं आशा करता हूं और मुझे काफी खुशी होगी अगर 2019 में भारत में ऐसी अनौपचारिक बैठक हो.

--पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस (कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस) के टाइम पे जो आपका वक्तव्य था उसमें आपने न्यू एरा की बात की और आज मैं न्यू इंडिया की बात करता हूं. इतनी समान सोच है हमारी. आपका न्यू एरा का सपना और हमारा न्यू इंडिया का प्रयास विश्व के लाभ के लिए सही दिशा में कदम है.

फोटो एएनआई से

-प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत और चीन के लिए दुनिया में शांति बहुत जरूरी है और हमें इसके लिए मिलकर काम करना होगा, सभी प्रकार का योगदान करना होगा. भारत-चीन संबंधों में पांच सकारात्मक तत्व हैं-विचार, संवाद, समर्थन, वचनवद्धता और परस्पर नजरिया. ये पांचों तत्व दुनिया में शांति और स्थायित्व के आधार हो सकते हैं.

पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच इस अनौपचारिक शिखर बैठक को पिछले सा 73 दिन तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद भारत-चीन संबंधों को सुधारने और विश्वास बहाली के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. सीधी बातचीत का दौर खत्म होने के बाद दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक में दोनों पक्षों के छह-छह आला अधिकारी मौजूद होंगे. इसके बाद दोनों नेता प्रसिद्ध ईस्ट लेक में आमने-सामने बैठ कर रात का भोजन करेंगे.

दोनों नेताओं के बीच इसके बाद की बातचीत शनिवार सुबह 10 बजे (स्थानीय समयानुसार) झील के किनारे टहलते और नौकायन करते हुए शुरू होगी. फिर दोपहर के भोजन के साथ उनकी बातचीत का सिलसिला थमेगा.

दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकात 2014 में शुरू हुई थी जब मोदी ने गुजरात के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी. उसके बाद से दोनों ने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों के दौरान एक-दूसरे से मुलाकात और बातचीत की.