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SCO सम्मेलन से इतर जिनपिंग से मिले पीएम मोदी, दोनों देश के बीच हुए कई समझौतों पर हस्ताक्षर

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात में पीएम मोदी ने कहा कि भारत-चीन की दोस्ती से होकर ही विश्व शांति का राश्ता गुजरता है, पीएम मोदी चीन एससीओ सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बंदरगाह शहर चिंगडाओ में आने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की. ये दोनों नेता वुहान में उनकी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता में किए गए फैसलों के क्रियान्वयन की प्रगति का जायजा लिया. इसके साथ ही दोनों ने कई मुद्दों पर बातचीत भी की.

साथ ही साथ पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए.

पीएम मोदी और शी जिनपिंग द्विपक्षीय वार्ता के बाद अब डेलीगेशन-लेवल की मीटिंग कर रहे हैं. ये मीटिंग शंधाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन समिट से इतर हो रही है.

इसके पहले पीएम मोदी ने चीन में रह रहे भारतीय समुदाय से मुलाकात की. मोदी ने भारतीय बच्चों के साथ काफी वक्त बिताया. चीन आने से पहले मोदी ने कहा था, ‘एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद बीते एक वर्ष में इन क्षेत्रों में संगठन और उसके सदस्यों के साथ हमारा संवाद खासा बढ़ा है. मेरा मानना है कि चिंगदाओ शिखर सम्मेलन एससीओ एजेंडा को और समृद्ध करेगा और एससीओ के साथ भारत के संपर्क की एक नई शुरुआत होगी.'

शंघाई सहयोग संगठन की सलाना बैठक से इतर पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने के बाद उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति से भी मुलाकात की. दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई.

यह बैठक यहां होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सलाना सम्मेलन से इतर हुई. इस सम्मेलन में आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथ के खिलाफ जंग में सहयोग बढाने के ठोस तरीके खोजे जाएंगे तथा वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ.

मोदी और शी के व्यापार एवं निवेश के क्षेत्रों में संबंध गहरे करने के तरीके खोजने और कुलमिलाकर द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है.

इस बैठक से कुछ सप्ताह पहले दोनों नेताओं ने मध्य चीन के शहर वुहान में एक अनौपचारिक वार्ता की थी जिसमें उन्होंने दो एशियाई शक्तियों के बीच संबंधों को ठोस करने पर नजरिया साझा किया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मोदी और शी वुहान अनौपचारिक वार्ता में किए गए फैसलों के क्रियान्वयन की प्रगति का जायजा ले सकते हैं.

मोदी के अन्य एससीओ देशों के नेताओं के साथ करीब आधा दर्जन द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है. यह पहली बार है जब भारत और पाकिस्तान को इस संगठन का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.

एससीओ का गठन 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने किया था.

(इनपुट भाषा से)