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प्रधानमंत्री ने दिया म्यांमार के नागरिकों को बड़ा तोहफा

भारत आने की इच्छा रखने वाले मयांमार के नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री ने नई घोषणा की है

FP Staff

चीन के ब्रिक्स सम्मेलन के बाद म्यांमार पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की जनता को बड़ी सौगात दी है. भारत आने की इच्छा रखने वाले मंयामार के हर नागरिक को भारत सरकार ग्रैटिस वीज़ा देगी.

ग्रैटिस वीज़ा मुफ्त वीज़ा होता है, इसमें वीज़ा लेने वाले को किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती है. अभी तक ये वीज़ा सिर्फ राजदूतों, विदेश सेवा के अधिकारियों और अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, मंगोलिया, दक्षिण अफ्रीका आदि देशों के नागरिकों को दिया जाता है.


इस घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री ने म्यांमार में जारी हिंसा पर भी चिंता जताई. जहां राखिन इलाके में सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ अभियान छेड़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम आपके यहां राखिन में सुरक्षा बलों के साथ हो रही हिंसा के लिए चिंतित हैं. इस हिंसा में कई निर्दोष मारे गए हैं जो कि दुखद है. हमें उम्मीद है कि अलग-अलग संप्रदायों के लोग आपस में मिलकर म्यांमार में शांति स्थापित करने में मदद करेंगे. साथ ही ये भी आशा करेंगे कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को बराबर अधिकार मिलें.'

इसके साथ ही उनहोंने कहा, 'म्यांमार में अपने शेष प्रवास को लेकर भी मेरे मन में उत्साह है. आज मैं बागान में आनंद टेंपल जाऊंगा. रंगून में भारतीय मूल के समुदाय से मुलाकात के अलावा मैं धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों पर भी अपनी श्रद्धा अर्पित करूंगा. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में हम पारस्परिक लाभ के लिए सशक्त और नज़दीकी साझेदारी बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.'

ज्ञात रहे कि आंग सान सू की पर म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय पर हो रही हिंसा को रोकने का बड़ा अंतर्राष्ट्रीय दबाव है. मंयामार में रोहिंग्या समुदाय की नागरिकता खत्म कर दी गई है. जिसके बाद ये लोग वहां से बांग्लादेश निर्वासित हो रहे हैं.

बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएन का मानना है कि कम से कम एक लाख तेइस हजार रोहिंग्या पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश पहुंचे हैं. 25 अगस्त को रोहिंग्या समुदाय के कुछ समूहों ने म्यांमार की पुलिस पोस्ट पर हमला किया था. इस घटना के बाद म्यांमार की सेना ने इनके खिलाफ अभियान छेड़ा है.

इसी बीच भारत सरकार ने कहा था कि वो अपने यहां शरण लिए हुए 40,000 रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार छोड़ देगी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. आने वाली 11 सितंबर की सुनवाई में सर्वोच्च अदालत ये तय करेगी कि इन लोगों को वापस भेजा जाए या नहीं.