पर्ल हार्बर पर जापान के हमले में बचे सैनिक 76 वर्ष पूर्व मारे गए अपने साथियों की याद में एक स्थान पर इकट्ठा हुए. इस कार्यक्रम में हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
जापान की ओर से 7 दिसंबर, 1941 को आकस्मिक तौर पर की गई बमबारी के कारण अमेरिका दूसरे विश्वयुद्ध में कूद पड़ा था. इस कार्यक्रम में हमले में बचे 20 लोगों, नौसेना के 2,000 नाविकों, अधिकारियों और सदस्यों ने हिस्सा लिया.
हमले में बचे गिलबर्ट मेयर ने कहा कि उन्होंने यूएसएस उटा पोत पर सवार अपने साथियों को श्रद्धांजलि दी और उनके लिए प्रार्थना की.
क्या है पर्ल हार्बर
7 दिसंबर 1941 को जापान ने अमेरिका के पर्ल हार्बर पर अपने बॉम्बर्स से बिना चेतावनी हमला किया था. इस हमले में करीब 2,500 सैनिक मारे गए थे. देखते ही देखते अमेरिका का यह बंदरगाह कब्रगाह में तब्दील हो गया था. इस घटना के बाद अमेरिका दूसरे विश्व युद्ध का हिस्सा बन गया था. इसे अमेरिकी राष्ट्रपति फैंकलीन डी रूजवेल्ट ने काला दिन कहा था.
जापान ने हमले के लिए 350 से ज्यादा लड़ाकू विमानों को भेजा था. इसमें लड़ाकू विमानों के साथ ही बमवर्षक विमान भी थे जिन्हें छह विमानवाही युद्धपोतों से दो चरणों में रवाना किया गया था. इस हमले में अमेरिका के कुल 2403 सैनिकों की मौत हुई जबकि 1100 से ज्यादा घायल हुए. यह हमला अचानक किया गया था, जिससे अमेरिका को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाया था.