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शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में गत 28 जुलाई को शरीफ को पद के अयोग्य घोषित किया था

Bhasha

पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सोमवार को पनामा पेपर मामले में थोड़ी राहत मिल गई है. भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने मामले में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया नौ अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है.

इससे पहले शरीफ (67) अपने और अपने परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में अदालती सुनवाई के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच जवाबदेही अदालत में पेश हुए.


सुनवाई के दौरान उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया से पहले मामले के सभी आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश होना होगा.

नौ अक्तूबर को अगली सुनवाई के दौरान तय की जाएगी प्रक्रिया 

शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मोहसिन शाहनवाज रांझा ने सुनवाई के बाद मीडिया को बताया कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है.

उन्होंने कहा, ‘आरोप तय किया जाना अभी लंबित है और इस पर आगामी सोमवार (नौ अक्तूबर) को सुनवाई की अगली तारीख पर चर्चा की जाएगी.’ अदालत ने शरीफ की बेटी मरियम, बेटे हुसैन और हसन, दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए और उन्हें सुनवाई की अगली तारीख पर तलब किया.

हैरिस ने दलील दी कि शरीफ के बच्चे अपनी बीमार मां की देखरेख के लिए लंदन में हैं, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी नहीं किए जाने चाहिए.

लेकिन अदालत ने उनका तर्क मानने से इनकार कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. रांझा ने कहा कि मरियम और उनके पति मोहम्मद सफदर लंदन से देश वापस आने को तैयार हैं और अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होंगे.

न्यायालय ने 28 जुलाई को शरीफ को पद से अयोग्य घोषित किया था 

उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष ने अदालत में पेशी से शरीफ को छूट दिए जाने के मुद्दे पर जोर नहीं दिया. शरीफ के वकील ने पिछली सुनवाई में अदालत से कहा था कि शरीफ को लंदन में अपनी पत्नी की देखरेख करने की जरूरत है, इसलिए उन्हें अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जानी चाहिए.

वकील शाहाब सार्की ने कहा कि शरीफ के बच्चों को अब ट्रांजिटरी जमानत की आवश्यकता है, जिससे कि वे लंदन से पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तारी से बच सकें. शरीफ इस मामले में इससे पहले 26 सितंबर को जवाबदेही अदालत में पेश हुए थे.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में गत 28 जुलाई को शरीफ को पद के अयोग्य घोषित किया था और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को शरीफ, उनके परिवार और वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोपों में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.