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राजदूत को पाक भेजने की खबर से फिलिस्तीन का इनकार

भारत सरकार ने इसपर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी. इसे भारत के येरुशलम मुद्दे पर यूएन के साथ खड़े रहने की प्रतिक्रिया समझा गया था

FP Staff

फिलिस्तीन सरकार ने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि उसने अपने राजदूत को फिर से पाकिस्तान में बहाल कर दिया है. रविवार को दोपहर पाक मीडिया की ओर से ऐसी खबरें आई, इसके बाद भारतीय मीडिया में भी उस हवाले से खबर आने लगी.

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए भारत में फिलिस्तीन के राजदूत हायजा ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है. ये उड़ती खबर कहां से आ रही है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. जहां तक उन्हें पता है, पाक से फिलिस्तीन बुलाए गए राजदूत फिलहाल अपने देश में ही हैं.


वहीं इसके थोड़ी देर बाद फिलिस्तीन के विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. यह पूरी तरह के गलत सूचना है. हम अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं, जो पिछले हफ्ते दिया गया था.

आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने के बाद फिलिस्तीन ने अपने पाक राजदूत वलीद अबू अली को वहां से वापस बुला लिया था. अब उन्हें फिर से बहाल कर दिया है. ये जानकारी पाक मीडिया के हवाले से दी गई है.

इससे पहले 30 दिसंबर को फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबू अली ने रावलपिंडी के लियाकत बाग में ‘दिफा ए पाकिस्तान काउंसिल’ की ओर से आयोजित एक रैली में कथित तौर पर भाग लिया था. उस रैली में हाफिज सईद भी शामिल हुआ था.

इसके बाद भारत सरकार ने इसपर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी. इसे भारत के येरुशलम मुद्दे पर यूएन के साथ खड़े रहने की प्रतिक्रिया समझा गया था. हालांकि इसके बाद फिलिस्तीनी सरकार ने अपने पाक राजदूत को वापस बुला लिया था.

भारत और फिलिस्तीन की प्रतिक्रिया का है इंतजार 

भारत में फिलिस्तीन के राजदूत हायजा का कहना था कि भारत और फिलिस्तीन के नजदीकी एवं मित्रतापूर्ण संबंधों को देखते हुए अली का कदम ‘अस्वीकार्य’ है. उन्होंने कहा था कि अली को इस्लामाबाद छोड़ने के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया है.

हायजा ने बताया था कि हमारे राजदूत उस व्यक्ति को नहीं जानते थे. जब वह बोलना शुरू किया तब उन्होंने उसके बारे में पूछा भी था. हमारे राजदूत का भाषण सईद के भाषण के बाद था. उन्होंने अपना भाषण दिया और वहां से चले गए. लेकिन हमारे लिए ये स्वीकार्य नहीं है और यह निर्णय लिया गया है.

हायजा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी फलस्तीन के बहुत खास दोस्त हैं. हम लोग उनका अपने देश में स्वागत करते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही वो हमारे देश की यात्रा करेंगे. हम उनके यात्रा की इंतजार कर रहे हैं.

इस पूरे मसले पर अभी तक भारत और फिलिस्तीन की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.