इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का रास्ता फिर से खुलता नजर आ रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रेस कांफ्रेंस करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा 'मोदी जी आइए बातचीत करें.'
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, 'भारत के साथ लगातार बातचीत की आवश्यकता है. हम पड़ोसी हैं. हम दोनों की बीच लंबे समय लंबित मुद्दे हैं. इन समस्याओं के बारे में हम दोनों को पता है. लेकिन बातचीत में शामिल होने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है.'
कुरैशी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाते हुए आगे बढ़ना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम इमरान खान को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने के संकेत दिए हैं.
इसके साथ ही कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच जो मसले हैं वो पेचीदा हैं और उन्हें हल करने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं. लेकिन फिर भी हमें साथ आना चाहिए. हमें यह बात स्वीकार कर लेनी चाहिए कि दोनों ही देश समस्याओं से जूझ रहे हैं. साथ ही इस सच्चाई को भी मान लेना चाहिए कि कश्मीर एक सच्चाई है. इस्लामाबाद समझौता हमारे देश के इतिहास का एक हिस्सा है'.
इसके पहले पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद इमरान खान ने रविवार को देश के नाम अपने पहले संबोधन में साफ तौर पर कहा था कि उनकी सरकार नेशनल एक्शन प्लान के तहत आतंकवाद से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.