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पाकिस्तान ने कश्मीर पर एर्दोगन के प्रस्ताव का किया स्वागत

एर्दोगन ने अपनी भारत यात्रा से पहले कहा था, 'हमें कश्मीर में अब और अधिक मौतें नहीं होने देनी चाहिए

FP Staff

पाकिस्तान ने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन के इस सुझाव का स्वागत किया है कि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए एक बहुपक्षीय वार्ता आयोजित की जानी चाहिए. यह एक ऐसा प्रस्ताव है, जिसे भारत खारिज कर चुका है.

एर्दोगन ने अपनी भारत यात्रा से पहले एक टीवी साक्षात्कार में कहा था, 'हमें कश्मीर में अब और अधिक मौतें नहीं होने देनी चाहिए. ऐसी बहुपक्षीय वार्ता के जरिए, जिसमें हम शामिल हो सकते हैं, हम इस मुद्दे को हमेशा-हमेशा के लिए सुलझा देने के रास्ते तलाश सकते हैं.'


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए पक्षकारों के बीच वार्ता प्रक्रिया को मजबूत करने के तुर्की के राष्ट्रपति के प्रस्ताव का स्वागत करता है.'

एर्दोगन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक कश्मीर के मुद्दे पर एर्दोगन की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में हुई है और इन टिप्पणियों को भारत में पसंद नहीं किया गया.

ये टिप्पणियां भारत के रूख के विपरीत थीं. भारत का कहना है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का कोई स्थान नहीं है.

एर्दोगन को दिए स्पष्ट संदेश में सोमवार को भारत ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का एक द्विपक्षीय मुद्दा है. निश्चित तौर पर यह सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के कारण है.

उधर, पाकिस्तान ने एर्दोगन की टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा, 'पाकिस्तान ने हमेशा से कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दों और जम्मू-कश्मीर मुद्दे को सुलझाने से जुड़े बयानों एवं प्रयासों का स्वागत किया है.'