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कट्टरपंथी मुद्दों से वोटरों को रिझाने की कोशिश में इमरान खान

विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे मुद्दे हिंसक साबित हो सकते हैं

FP Staff

पाकिस्तान में पीएम पद के दावेदार इमरान खान समेत कई बड़े नेता धर्म के नाम पर वोट जुटाने में लगे हुए हैं. विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे मुद्दे हिंसक साबित हो सकते हैं. दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान 175 लोगों की मौत हो चुकी है. इसलिए विश्लेषकों की तरफ से ऐसी चेतावनी दी जा रही है.

इमरान खान ने किया ईशनिंदा कानून का समर्थन


चुनाव में इमरान खान ने अपने भाषणों में धर्म और कट्टरपंथी मुद्दों का जम कर इस्तेमाल किया है. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून का भी समर्थन किया है. जिसके तहत अधिकतम सजा मौत है.

पाकिस्तान ने इसके तहत किसी को सजा नहीं दी है. लेकिन ऐसे लोग मॉब लिंचिंग और मर्डर के शिकार हुए हैं. दुनिया भर में इस कानून की आलोचना हुई है. इसके चलते अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न और दुर्व्यवहार झेलना पड़ा है. लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां नेताओं ने इस कानून को अपना हथियार बना लिया है.

क्या है ईश निंदा कानून?

पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून में इबादतगाहों को अपवित्र करने, मजहबी भावनाएं भड़काने, पैगंबर हजरत मोहम्मद की आलोचना और कुरान शरीफ को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है. इस कानून में कुरान को क्षति पहुंचाने वाले के लिए उम्रकैद, जबकि पैगंबर की निंदा करने वाले के लिए मौत की सजा का प्रावधान है.