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कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक के बाद 'खामोश' हुआ पाकिस्तान

Bhasha

इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर रोक लगाने के बाद पाकिस्तान ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी.

पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया ने कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक के भारत के दावे को खारिज कर दिया है. जियो टीवी ने कहा कि आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में पाकिस्तान नहीं आता है. इसलिए वह दोनों पक्षों की सहमति से ही मामले पर संज्ञान ले सकता है.


डॉन की ऑनलाइन वेबसाइट ने रोक के आदेश के भारत के दावे के बारे में कोई खबर नहीं दी है. इसी तरह एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस मुद्दे पर अपनी खबर में रोक के आदेश का कोई जिक्र नहीं किया.

कुलभूषण जाधव को अप्रैल में पाकिस्तान में मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत ने आईसीजे में अपील करते हुए दलील दी थी कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में विएना संधि का उल्लंघन किया है.

लंबे समय तक पकड़े जाने की कोई जानकारी नहीं दी

भारत ने दलील दी कि जाधव की गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. साथ ही पाकिस्तान ने आरोपी को उसके अधिकारों के बारे में भी सूचित नहीं किया.

भारत ने कहा कि विएना संधि का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगातार अनुरोध के बावजूद जाधव तक राजनयिक पहुंच के भारत के अधिकारों को खारिज किया.

आईसीजे ने आठ मई को एक बयान में भारत से एक अर्जी मिलने की पुष्टि की. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने कुलभूषण जाधव की मां से बात की और उन्हें आईसीजे के आदेश के बारे में बताया.

पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को पिछले साल 3 मार्च को ईरान से प्रवेश करने के बाद बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया था. साथ ही यह भी दावा किया कि जाधव ‘भारतीय नौसेना का अधिकारी है.’ पाकिस्तानी की एक आर्मी कोर्ट ने जाधव को ‘जासूसी और देश में उपद्रव फैलाने’ के लिए कसूरवार ठहराकर मौत की सजा सुनाई है.