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भारत से मुकाबले के लिए हमारे पास परमाणु हथियार: पाक पीएम

अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना की 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन' का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने कम दूरी के न्यूक्लियर हथियार भी बना लिए हैं.

FP Staff

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि भारत पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा है लेकिन पाकिस्तान के पास भारत से मुकाबला करने के लिए काफी हथियार हैं.

अब्बासी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना की 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन' का जवाब देने के लिए पाकिस्तान ने कम दूरी के न्यूक्लियर हथियार भी बना लिए हैं.


क्या है कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन?

कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन भारतीय सेना द्वारा विकसित किया गया सैन्य सिद्धांत है. इसका उद्देश्य युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को परमाणु हमले से रोकना है. इस सिद्धांत के हिसाब से सरकार का आदेश मिलते ही भारतीय सेना 48 घंटों के भीतर ही हमला शुरू कर सकती है. इतनी तेजी से हमले करने पर पाकिस्तान भारत का जवाब दे सकने की स्थिति में नहीं होगा. पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेनाओं को कुछ हफ्तों के स्थान पर केवल कुछ दिनों में ही तैनात करने के लिए कोल्ड स्टार्ट सिद्धांत बनाया गया था. हालांकि अभी तक किसी भी युद्ध में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है.

अब्बासी संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक महासभा में भाग लेने न्यूयॉर्क गए हुए हैं. ये सारी बातें उन्होंने यहां दिए एक इंटरव्यू में कहीं. गुरुवार को अब्बासी महासभा में अपना संबोधन देंगे.

इन हथियारों की सुरक्षा की सुनिश्चितता पर अब्बासी ने जवाब दिया, 'हमारे पास परमाणु हथियारों के भंडार पर बहुत मजबूत और सुरक्षित कमांड और कंट्रोल सिस्टम है. पिछले 20 साल इस बात के प्रमाण हैं कि हमारा ये सिस्टम उतना ही सुरक्षित है, जितना विश्व में बाकी किसी परमाणु सशक्त देश के.'

कश्मीर पर भारत को घेरने की कोशिश

इस इंटरव्यू में अब्बासी ने भारत को हर मुद्दे पर घेरने की कोशिश की. अब्बासी ने एक दूसरे सवाल पर कहा, ‘नियंत्रण रेखा पर भारत का आक्रामक रूख है ताकि कश्मीरी लोगों के सच्चे संघर्ष से ध्यान हटाया जा सकें. कश्मीरी लोग आज वहां भारत के कब्जे के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं.’ अब्बासी ने विश्व समुदाय से जम्मू कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के मौलिक अधिकार का सम्मान करने और उसकी रक्षा करने का आह्वान किया.

उन्होंने कहा, ‘हम पूरी तरह से आत्म निर्णय के अधिकार का समर्थन करते हैं. हम साल 1948 के बाद से हर मंच पर इसका पूरी तरह समर्थन करते रहे हैं और हम समर्थन करना जारी रखेंगे. इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के घोषणापत्र के अनुसार हल करना चाहिए. इसे लेकर कोई दो राय नहीं है. हम कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का पूर्ण समर्थन करते हैं और हम पूरी दुनिया से इसका सम्मान और रक्षा करने का आह्वान करते हैं.’

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया, ‘भारतीय सेनाओं ने वहां अत्याचार किए और हम विश्व समुदाय से उम्मीद करते हैं कि वे उन अत्याचारों पर संज्ञान लें. ये उस क्षेत्र में मानवता के खिलाफ बहुत गंभीर अपराध हैं.’ अब्बासी ने आरोप लगाया कि भारत ने अपना आक्रामक रूख बनाया हुआ है. हालांकि उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों को अहम मुद्दों पर बातचीत करने की जरुरत है और वह भारत के साथ ‘सामान्य संबंध’ चाहते हैं.

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘उन मुद्दों को पहले सुलझाना चाहिए और कश्मीर वहां अहम मूल मुद्दा है. लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हाल के दिनों में भारत की आक्रामकता बढ़ रही है और यह स्वीकार्य नहीं है. हम भारत के साथ सामान्य संबंध चाहते हैं लेकिन विश्वास और सम्मान के आधार पर.’