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पाकिस्तान: आतंकवादी संगठनों को चंदा देनेवालों की खैर नहीं!

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी नागरिक हर साल लगभग 650 अरब रुपए चैरिटी में दान करते हैं, जिसमें से 35 फीसदी दान प्रतिबंधित संगठनों को चला जाता है

FP Staff

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव अब असर दिखाने लगा है.

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने देश के तमाम अखबारों में इश्तेहार जारी कर देश की जनता से अनुरोध किया कि वो आतंकवादी संगठनों से संबंधित किसी भी संगठन को धन मुहैया न कराएं.


अखबारों में छपे विज्ञापन के मुताबिक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद पहुंचाना आतंकरोधी एक्ट 1997 और यूएन एक्ट 1948 के तहत अपराध माना जाएगा. यह विज्ञापन पाकिस्तान के सभी प्रमुख स्थानीय अखबारों में भी छपे हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान की जनता हर साल लगभग 650 अरब रुपए चैरिटी में दान देती है, जिसमें से 35 फीसदी चंदा प्रतिबंधित संगठनों को चला जाता है.

हाफिज सईद के जमात उद दावा पर भी प्रतिबंध

पाकिस्तान सरकार के अनुसार मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद द्वारा संचालित तथाकथित चैरिटी सहित प्रतिबंधित संगठनों को धन मुहैया कराने वालों को भारी जुर्माने के साथ 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है.

विज्ञापन में हाफिज सईद के जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और मसूद अजहर के जैश-ए-मोहम्मद सहित 72 प्रतिबंधित संगठनों के नाम शामिल हैं.

इस कदम से कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान की सरकार धीरे-धीरे हाफिज सईद पर दवाब बनाती जा रही है. पाकिस्तान सरकार द्वारा पिछले साल जनवरी में हाफिज सईद को नजरबंद भी किया गया था. लेकिन बाद में अदालत के निर्देश पर उसे छोड़ दिया गया था.

बौखलाए सईद ने बताया अंतराष्ट्रीय दवाब

समझा जा रहा है कि पाकिस्तान ने यह कदम आतंक के पनाहगार के तौर पर बनती जा रही अपनी छवि को सुधारने के लिए उठाया है. लेकिन पाक रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने इसका खंडन किया है.

वहीं हाफिज सईद ने लाहौर में एक वीडियो मैसेज के जरिए कहा कि पाकिस्तान ने यह कदम अंतराष्ट्रीय दवाब में आकर लिया है. वो कोर्ट में इसे चुनौती देगा.