भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं होने संबंधी भारत के आरोपों को पाकिस्तान ने खारिज किया है. पाकिस्तान ने शुक्रवार को आगाह किया कि ‘भड़काऊ‘ बयानों से सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ेगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा, 'कुलभूषण जाधव के खिलाफ सुनवाई के दौरान कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है.'
अजीज ने विस्तार से दिए अपने बयान में कहा कि, भारत अपनी प्रतिक्रिया के जरिए हालात को और गंभीर बना रहा है.
पक्षपातपूर्ण सुनवाई संबंधी भारत के आरोपों को खारिज करते हुए अजीज ने कहा कि, पुलिस की आतंकवाद विरोधी शाखा ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में कुलभूषण जाधव के खिलाफ 8 अप्रैल, 2016 को एफआईआर दर्ज किया था.
कानूनी सहायता भी दी गई थी
उन्होंने कहा कि, जाधव के खिलाफ विस्तृत सुनवाई की गई और साक्ष्य अधिनियम एवं मजिस्ट्रेट के सामने बयान रिकॉर्ड कराने सहित सभी संबंधित कानूनों का पालन किया गया. इसके तहत जाधव को कानूनी सहायता भी दी गई थी.
अजीज ने कहा, ‘जासूसी, विध्वंसक गतिविधि और आतंकवाद के लिए जिम्मेदार जाधव पर पाकिस्तान के कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया गया है. उसको मिली सजा उस विश्वसनीय और साफ सबूतों के आधार पर सुनाई गई है जिससे जासूसी और आतंकी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता साबित होती है.’
सरताज अजीज ने जाधव को सजा सुनाए जाने को लेकर भारतीय प्रतिक्रिया की निंदा की और आगाह कि इससे ‘दोनों देशों के बीच शत्रुता बढ़ेगी.