अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोकने के बाद अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने कहा है कि अमेरिका की तरफ से दिए जाने वाले पैसे न तो कोई मदद थी और न ही कोई सहायता. ये गठबंधन सहायता निधि के तहत दिए जाने वाला फंड था. उन्होंने कहा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के हमारे साझा लक्ष्य पर हमने ये पैसे खुद के संसाधनों से खर्च किए हैं. अमेरिका को ये पैसे पाकिस्तान को रीइंबर्स करने थे लेकिन अभी तक उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया .
वहीं इस मामले में पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल कोन फॉकनर ने कहा, 'पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने की घोषणा जनवरी 2018 में की गई थी.’
उन्होंने कहा, 'गठबंधन सहायता निधि भी उस रोक का हिस्सा है और वह अब भी बरकरार है. यह कोई नया फैसला या नई घोषणा नहीं है बल्कि जुलाई में किए गए उस आग्रह की अभिस्वीकृति है जिसमें समय सीमा समाप्त होने से पहले निधि को रीप्रोग्राम करने को कहा गया था.'
इससे पहले रविवार को खबर आई थी कि पेंटागन ने अमेरिकी संसद से अनुरोध किया था कि वह कोलिजन सपोर्ट फंड के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की राशि पर दोबारा विचार करे. उनका मानना है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया रणनीति के तहत ठोस कार्रवाई करने में असफल हो रहा है.