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कुलभूषण जाधव मामला : पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ICJ में अपने देश का करेंगे नेतृत्व

पाकिस्तान और ICJ के बीच भविष्य में सारी सूचनाएं अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए आदान-प्रदान की जाएंगी

Bhasha

कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. विदेश मंत्रालय ने हेग में पीस पैलेस में आईसीजे के रजिस्ट्रार को सूचना दी कि इस मामले में पाकिस्तान के लिए एजेंट औसाफ होंगे. जबकि विदेश मंत्रालय के महानिदेशक मोहम्मद फैसल सहायक एजेंट के रूप में काम करना जारी रखेंगे.

एजेंट सरकार का शीर्ष पदाधिकारी होता है जो देश के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही वो आईसीजे में अपनी दलील रखता है.


इसका मतलब यह है कि पाकिस्तान और आईसीजे के बीच भविष्य में सारी सूचनाएं अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए ही आदान-प्रदान की जाएंगी.

आईसीजे अध्यक्ष रोनी अब्राहम और पाकिस्तान और भारत के प्रतिनिधिमंडलों के बीच नीदरलैंड में आठ जून को हुई बैठक के बाद औसाफ ने सभी कार्यवाही के लिए आईसीजे की पीठ में तदर्थ जस्टिस नियुक्त करने की पाकिस्तान की मंशा के बारे में आईसीजे को बता दिया था.

हेग में आईसीजे के बाहर पाकिस्तान के राजदूत मो. आज़म ख़ान मीडिया से बात करते हुए (फोटो: पीटीआई)

विएना संधि का लगातार उल्लंघन करने का आरोप

पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास के जाधव से संपर्क करने के अनुरोध को 15 से अधिक बार खारिज कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान पर विएना संधि का लगातार उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

भारत ने जाधव की फांसी पर रोक लगाने की मांग को लेकर आईसीजे का रूख किया था. जिसके बाद आईसीजे ने जाधव की सजा पर रोक लगा दी थी.

15 सदस्यों की बेंच ने भारत की इस दलील का समर्थन किया कि दूतावास संबंधों को लेकर विएना संधि का उल्लंघन किया गया.

पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने 3 मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पाकिस्तान की एक आर्मी कोर्ट ने जाधव को इस साल 10 अप्रैल को देशद्रोह और धमाके का कसूरवार ठहराकर मौत की सजा सुना दी थी.

इसपर भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था. जहां वह नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस कर रहे थे.