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पाकिस्तान की सेना ने 1971 में ‘नरसंहार’ किया: शेख हसीना

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी सेना ने साल 1971 में 'जघन्य' सैन्य अभियान शुरू किया था

Bhasha

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी सेना ने साल 1971 में 'जघन्य' सैन्य अभियान शुरू किया जिससे मुक्ति संग्राम के दौरान हुए 'नरसंहार' में 30 लाख निर्दोष लोग मारे गए थे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को अपने संबोधन में हसीना ने कहा कि उनके देश की संसद ने हाल ही में पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 मार्च को 'नरसंहार दिवस' घोषित किया.


पाकिस्तानी सेना ने उस समय पूर्वी पाकिस्तान रहे बांग्लादेश पर 25 मार्च 1971 की आधी रात को अचानक हमला कर दिया था जिसके बाद युद्ध शुरू हुआ और 16 दिसंबर को यह युद्ध समाप्त हुआ. आधिकारिक तौर पर नौ महीने चले युद्ध में 30 लाख लोग मारे गए.

हसीना ने कहा, 'वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में हमने नरसंहार का चरम रूप देखा. पाकिस्तान के खिलाफ नौ महीने चले मुक्ति संग्राम में 30 लाख निर्दोष लोग मारे गए और 20,000 से ज्यादा महिलाओं का शोषण किया गया.'

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी सेना ने 25 मार्च को जघन्य ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ शुरू किया जो 1971 के नरसंहार की शुरुआत थी. बुद्धिजीवियों की नृशंस तरीके से हत्या की गई.' इस पर प्रतिक्रिया देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान ने हसीना के बयान पर आपत्ति जताई.

पाकिस्तान ने कहा, 'हमारे बांग्लादेशी भाईयों और बहनों की प्रधानमंत्री, मुझे यह कहना है कि उन्हें नफरत और इतिहास को लेकर बनाई गई गलत धारणाओं से बाहर आना होगा.' हसीना ने कहा कि आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ शांति, स्थिरता और विकास के लिए बड़ा खतरा बन गया है.

हसीना ने आतंकवादियों को हथियारों की आपूर्ति करने और आतंक को वित्त पोषित करने पर रोक लगाने का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने सभी अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का भी आह्वान किया.