पिछले हफ्ते नेपाल से लापता होने वाला पाकिस्तानी फौज का अफसर हबीब ज़हीर आईएसआई के एक खास खुफिया मिशन पर था. खुफिया एजेंसियों से जुड़े एक हाईलेवल सोर्स ने सीएनएन-न्यूज़ 18 से बातचीत में ये अहम खुलासा किया है.
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब ज़हीर के बारे में कहा जा रहा है कि- वो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित लुंबिनी जा रहे थे, यहां से उन्होंने लाहौर में रहने वाले अपने घरवालों को फोन किया था.
हबीब ज़हीर के घरवालों ने आरोप लगाया कि उनका भारतीय खुफिया एजेंसियों ने धोखे से अपहरण कर लिया है. भारत ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ज़हीर के लापता होने से उसका कोई लेना-देना नहीं है.
ISI से मिला था 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट'
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जहीर को पाकिस्तान से बाहर जाने के लिए आईएसआई ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिया था. उसे ये एनओसी 31 मार्च, 2017 को लेफ्टिनेंट कर्नल आतिफ अनवर ने जारी किया था.
कर्नल जहीर आईएसआई के काफी महत्वपूर्ण मिशन पर नेपाल गए थे. वो वहां दो से तीन हफ्ते तक रहने वाले थे. उन्होंने बताया कि, जहीर से संपर्क टूटने के बाद आईएसआई ने उससे अपना नाता तोड़ लिया.
पहले, ऐसी खबरें आई थी कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान के चमन से अगवा करने पाकिस्तान लाने वाली आईएसआई की टीम में जहीर भी शामिल थे.
मंगलवार को पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान में तबाही मचाने और जासूस ठहराकर उसे मौत की सजा सुना दी थी.