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विदेश पहुंचा भारतीय EVM का विवाद, बोत्सवाना की विपक्षी पार्टी ने किया विरोध

अफ्रीकी देश बोत्सवाना में अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए भारत से ईवीएम मंगाने की बात चल रही है लेकिन उससे पहले ही इसका विरोध होना शुरू हो गया है

FP Staff

अपने देश में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो चलता ही रहता है, लेकिन भारतीय ईवीएम पर अब विदेश में भी हंगामा मचा हुआ है. अफ्रीकी देश बोत्सवाना में इसका विरोध हो रहा है. विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ कर सत्ताधारी दल नतीजों को अपने पक्ष में कर लेगा.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, बोत्सवाना में भारतीय चुनाव आयोग की साख दांव पर है. यहां पर अक्टूबर 2019 में होने वाले आम चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर बात चल रही है. बोत्सवाना ने चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भारत से ईवीएम मंगाया है.


बोत्सवाना की विपक्षी पार्टी मामले को ले गई है अदालत में

हीरा भंडार के लिए मशहूर बोत्सवाना में भारत से निर्यात किए गए ईवीएम को लेकर राजनीतिक बहस गर्म है. विपक्षी पार्टी, बोत्सवाना कांग्रेस पार्टी (बीसीपी) इस मामले को अदालत में लेकर चली गई है. सत्ताधारी बोत्सवाना डेमोक्रेटिक पार्टी (बीडीपी) ने चुनाव कानून को संशोधित कर देश में ईवीएम के इस्तेमाल का रास्ता साफ किया था.

विपक्ष के बढ़ते विरोध को देखते हुए बीडीपी सरकार ने भारतीय चुनाव आयोग से अनुरोध करते हुए कहा है कि वो अपने प्रतिनिधि भेज कर ईवीएम की अच्छाई और सही होने की बात साबित करें. दूसरी तरफ देश के इंडीपेंडेंट इलेक्ट्रोरल कमीशन का तर्क है कि ईवीएम के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया में तेजी आएगी.

बोत्सवाना सरकार कर रही भारतीय चुनाव आयोग से अनुरोध

बोत्सवाना की सरकार और चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वो अपने विशेषज्ञ भेजकर ईवीएम की मेरिट के बारे में बताएं. साथ ही साथ उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों से आग्रह किया है कि ईवीएम और वीवीपैट को लेकर संदेह को दूर करने के लिए अदालत में एक प्रजेंटेशन भी दें.

अपने चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में बोत्सवाना का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को भारतीय चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा. इन लोगों ने अनुरोध किया कि 4-5 ईवीएम को कोर्ट में प्रजेंटेशन के लिए भेजा जाए.

सारी बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय चुनाव आयोग बोत्सवाना के अनुरोध पर जल्द ही निर्णय लेगा. वहां पर कुल 57 निर्वाचन क्षेत्र हैं, यहां चुनाव कराने के लिए 6000 पोलिंग स्टेशन बनाए जाते हैं. इन पर चुनाव कराने के लिए जितने ईवीएम की जरूरत होगी उसे भारतीय चुनाव आयोग महज 2 से 3 दिन में तैयार कर लेगा. बोत्सवाना चुनाव आयोग के लोग भारतीय चुनाव आयोग से चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल की संभावनाओं को लेकर पिछले 6 महीने से बातचीत कर रहे हैं.