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ब्रह्मांड से बरसेगी मौत और धरती पर फूटेगा 'चेचक बम', सामने आया नॉर्थ कोरिया का सीक्रेट प्लान

नॉर्थ कोरिया अपने एक वार से अमेरिका की 90 प्रतिशत आबादी को मिटा सकता है

Kinshuk Praval

अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बढ़ते तनाव के बीच फिलहाल एक अजीब सी खामोशी दिखाई दे रही है. जुबानी जंग ठंडी पड़ी हुई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चहेते ‘रॉकेटमैन’ के लिये न तो धमकियों के तानपुरे से कोई तान छेड़ी है और न ही अपने देश को फिदायीन मिशन पर ले जाने वाले किम जोंग को वैसी मिसाइल मिली है जिसे जापान के ऊपर से तीसरी बार छोड़ा जा सके. फिलहाल एक चुप्पी किसी छिपी हुई चेतावनी की तरह फिज़ां में महसूस की जा रही है. पसरा हुआ सन्नाटा आने वाले समय में किसी भयावह आशंका को लेकर डरा रहा है. खुद जापान ये मानने लगा है कि नॉर्थ कोरिया के साथ युद्ध अब ज्यादा दिन दूर नहीं है.

नॉर्थ कोरिया पर अमेरिकी हमले की धमकी को देखकर डरी सहमी दुनिया कोरियाई प्रायद्वीप पर युद्ध की आशंका को विश्वयुद्ध से जोड़ कर देख रही है. लेकिन जो एक बात खुल कर सामने आ चुकी है वो ये है कि दोनों देश युद्ध की तैयारियों में जमकर जुटे हुए हैं. अमेरिका और दक्षिण कोरिया लगातार युद्धाभ्यास कर रहे हैं. जापान भी युद्ध के लिये मानसिक तौर पर तैयार हो चुका है. इस वक्त नॉर्थ कोरिया भले ही परमाणु परीक्षण नहीं कर रहा है लेकिन उसकी दो बड़ी बातें फिर उसकी रहस्यमयी ताकत का राज़ खोल रही है.


सीआईए के पूर्व परमाणु रणनीतिकार के मुताबिक अमेरिका की नब्बे प्रतिशत आबादी को नॉर्थ कोरिया का एक हमला मिटा सकता है. एक आशंका जताई जा रही है कि नॉर्थ कोरिया अमेरिका पर आसमान से ही हमला कर सकता है. इस हमले में नॉर्थ कोरिया को किसी मिसाइल की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उसके सैटेलाइट ही अमेरिका पर मौत बरसा सकते हैं. नॉर्थ कोरिया के हमले से अमेरिका में भुखमरी और जानलेवा बीमारी के हालात पैदा हो सकते हैं जिसमें करोड़ों ज़िंदगियां प्रभावित हो सकती है. अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नॉर्थ कोरिया अमेरिका पर ईएमपी यानी इलेक्ट्रॉनिक मैगनेटिक पल्स से हमला कर सकता है. EMP हमले के जरिये किसी भी देश के संचार उपकरणों को तबाह किया जा सकता है. EMP हमले के जरिये नॉर्थ कोरिया अमेरिका के साइबर तंत्र को नेस्तनाबूत कर सकता है जिससे पूरा अमेरिका अंधेरे में डूब सकता है और उसकी बिजली सप्लाई पूरी तरह ठप हो सकती है. बिजली ठप होने से सीधा असर लोगों की ज़िंदगी पर पड़ेगा जिससे कम वक्त में ही हालात बद से बदतर हो सकते हैं.

अमेरिकी होमलैंड सिक्युरिटी और नेशनल ईएमपी टास्क फोर्स के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर पीटर विनसेंट प्राई का मानना है कि EMP हमले के लिये उत्तर कोरिया अपने उपग्रहों को हथियार बना सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि नॉर्थ कोरिया अपने सैटेलाइट को परमाणु मिसाइल में तब्दील करने की क्षमता हासिल कर रहा है. अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नॉर्थ कोरिया के दो सैटेलाइट अंतरिक्ष से अमेरिका पर नज़र गड़ाए हुए हैं. नॉर्थ कोरिया ने साल 2012 और 2016 में इन्हें लांच किया था. ये दोनों उपग्रह केवल डेढ़ घंटे में ही पूरी धरती का चक्कर लगा लेते हैं. नॉर्थ कोरिया इन्हीं सैटेलाइट के जरिये अमेरिका पर EMP हमला कर सकता है.

सीआईए के पूर्व डायरेक्टर जेम्स वूल्सी का मानना है कि  'केवल EMP हमले के जरिये ही अमेरिका के इलेक्ट्रिक ग्रिड और दूसरे बुनियादी ढांचे को साल भर के लिए बेकार किया जा सकता है और इससे पैदा होने वाली भुखमरी और बीमारी से 10 में से 9 अमेरिकी मारे जाएंगे.'

नॉर्थ कोरिया का सबसे सीक्रेट वेपन अमेरिका की नजर के सामने आ चुका है. अमेरिका इस खतरे से निपटने के लिये अपनी तैयारियां शुरू कर चुका है. लेकिन नॉर्थ कोरिया से सिर्फ EMP अटैक का ही खतरा नही है बल्कि खुफिया रिपोर्टों से पता चला है कि वो जैविक हथियार बनाने में जुटा हुआ है. अमेरिकी थिंकटैंक बेल्फर सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया के जैविक हथियारों से चेचक और हैजा जैसी गंभीर बीमारियां लाखों जानें ले सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया ने साल 1960 से ही जैविक हथियार बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी. दरअसल कोरिया युद्ध के बाद 1950 और 1953 के बीच हजारों लोगों की मौत हैजा, टाइफस, टाइफाइड और चेचक के प्रकोप से हो गई थी. इन मौतों के लिये  नॉर्थ कोरिया ने अमेरिका के जैविक हथियारों को जिम्मेदार ठहराया था. बाद में खुद नॉर्थ कोरिया ने जैविक हथियार हासिल करने के लिये कई प्लांट तैयार किये जहां खतरनाक जैविक बम बनाए जाने की बात सामने आ रही है.

अब सवाल ये है कि अब तक नॉर्थ कोरिया के परमाणु बमों और बैलिस्टिक मिसाइलों का ही खतरा दुनिया को दिखाई दे रहा था लेकिन अब ईएमपी और जैविक हथियारों का खतरा भी सामने दिखाई दे रहा है. ऐसे में अमेरिका के लिये नॉर्थ कोरिया पर हमला करने से पहले अपनी सुरक्षा को ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है. क्योंकि भले ही युद्ध छिड़ने पर नॉर्थ कोरिया की मिसाइलें अमेरिका न पहुंच सकें लेकिन ईएमपी जैसे अटैक अमेरिका को पाषाण-युग में जरूर पहुंचा सकते हैं.