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साउथ कोरिया और यूएस की दोस्ती पर नॉर्थ कोरिया- साइकोपैथ हैं ट्रंप

नॉर्थ कोरिया को ट्रंप और साउथ कोरिया की दोस्ती नहीं सुहा रही.

FP Staff

नॉर्थ कोरिया और अमेरिका में लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच नॉर्थ कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को साइकोपैथ कह दिया है. नॉर्थ कोरिया से पिछले हफ्ते मेडिकल इमर्जेंसी में वापस लौटे अमेरिकी छात्र ऑट्टो वॉर्मबियर की मौत से वैसे भी हालात बदतर बने हुए हैं.

प्योंगयांग के आधिकारिक अखबार रोडोंग सिनमुन ने गुरूवार को लिखा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति अपने देश में मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं, वो अपनी घरेलू राजनीतिक मुश्किलों से ध्यान भटकाने के लिए नॉर्थ कोरिया पर ये हमले कर रहे हैं.'


अखबार के संपादकीय में लिखा हुआ है, 'साउथ कोरिया को समझना चाहिए कि साइकोपैथ ट्रंप के हिसाब से चलना बस बर्बादी की ओर ले जाएगा.'

अमेरिकी स्टूडेंट की मौत से भड़का मामला

नॉर्थ कोरिया पिछले कुछ वक्त में कई परमाणु परीक्षण और मिसाइल लॉन्चिंग टेस्ट कर चुका है. और अब अमेरिकी स्टूडेंट की मौत. हालात खराब हो रहे हैं. नॉर्थ कोरिया की बेलगाम उल्टी-पुल्टी हरकतें भी बढ़ती जा रही हैं. वहीं अमेरिका-साउथ कोरिया के अच्छे संबंध भी उसकी नजरों में चढ़े हुए हैं. अभी मंगलवार को ही अमेरिका ने जापान और साउथ कोरिया के साथ मिलकर कोरियाई प्रायद्वीप में 2 बी-2 बॉम्बर उड़ाकर शक्ति प्रदर्शन किया था. ये बात भी नॉर्थ कोरिया को पच नहीं रही होगी.

इसके पिछले हफ्ते नॉर्थ कोरिया से आपात चिकित्सा की हालत में लौटे 22 साल के अमेरिकी छात्र ऑट्टो वॉर्मबियर की मौत ने दोनों देशों के बीच एक नई आग भड़का दी है. वॉर्मबियर को नॉर्थ कोरिया के होटल में एक राजनीतिक पोस्टर चुराने के जुर्म में सश्रम कारावास की सजा दे दी गई थी. जेल में 18 महीने गुजारने के बाद वॉर्मबियर का स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया, उसे गंभीर ब्रेन डैमेज हो गया था और घर आने के बाद ही उसकी मौत हो गई.

ट्रंप ने वॉर्मबियर के साथ हुई घटना पर नॉर्थ कोरिया के 'क्रूर शासन' की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि वो ये निश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि निर्दोष लोगों को ऐसे शासन की ओर से दी जा रही यातनाएं न झेलनी पड़े, जो कानून-नियमों और मानव सभ्यता की कद्र नहीं करते.

'नॉर्थ कोरिया में तर्कहीन शासन'

इसके साथ ही साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने भी वॉर्मबियर की मौत के लिए नॉर्थ कोरिया को जिम्मेदार बताते हुए कहा था, 'मुझे लगता है कि अब हमें मान लेना चाहिए कि नॉर्थ कोरिया में तर्कहीन शासन है.'

हालांकि पिछले महीने ही राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले मून नॉर्थ कोरिया से संबंधों को बढ़ाने के इच्छुक हैं. उनकी पूर्ववर्ती राष्ट्रपति पार्क-ग्युन-हे इसके खिलाफ थीं.