अलग-अलग क्षेत्रों में दिया जाने वाला नोबल प्राइज इस बार कुछ अलग होने वाला है. हो सकता है कि इस बार साहित्य के क्षेत्र में नोबल प्राइज न दिया जाए. इसके पीछे का कारण हैरान करने वाला है.
स्वीडिश एकेडमी के 6 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है क्योंकि एकेडमी की एक सदस्य के पति पर 18 औरतों का यौन शोषण करने का आरोप लगा है और उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था.
कैटरीना फ्रॉस्टेन्सन एकेडमी की पूर्व सदस्य रही हैं उनके फ्रेंच फोटोग्राफर पति जीन-क्लॉद अर्नाल्ट पर स्वीडिश राजकुमारी विक्टोरिया सहित 18 औरतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं.
अर्नाल्ट पर आरोप है कि उन्होंने एकेडमी से जुड़े जगहों पर ऐसी हरकतें की थीं और उन्होंने 2006 में प्रिंसेस विक्टोरिया से जबरदस्ती की थी. अर्नाल्ट ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. स्वीडिश पेपर स्वेन्स्का डेग्ब्लाडेट में भी एक रिपोर्ट में तीन चश्मदीद गवाहों ने उनके खिलाफ बयान भी दिया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले नवंबर में 18 सदस्यों की एकेडमी की समिति ने वोट डालकर कैटरीना फ्रॉस्टेन्सन को एकेडमी से बाहर कर दिया था, उसके विरोध में एकेडमी के 6 सदस्यों ने अपना पद छोड़ने की घोषणा कर दी है. यहां तक कि विरोध दर्ज करने के लिए एकेडमी की हेड सारा डेनियस ने भी इस्तीफा दिया है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि एक बार इस एकेडमी के लिए चुन लिए जाने पर सदस्य जीवनपर्यंत सदस्य बने रह सकते हैं.
इस पूरे मामले पर गुरुवार को अगला फैसला लिया जाएगा. अगर ये सभी 6 सदस्य अपने पद पर वापिस नहीं लौटते हैं तो साहित्य का नोबल अधर में लटक जाएगा. इसके पहले ऐसा बस दूसरे विश्व युद्ध के समय हुआ था. पुरस्कारों की घोषणा अक्टूबर में की जानी है.
गार्डियन से बातचीत में एकेडमी के एक अन्य सदस्य ने बताया कि हो सकता है कि इस बार साहित्य के पुरस्कारों की घोषणा न की जाए. और उन्हें अगले साल के पुरस्कारों के साथ ही बांटा जाए. यानी अगले साल एक साथ दो विजताओं की घोषणा की जाए.