परमाणु हथियारों को खत्म करने वाले एंटी न्यूक्लियर अभियान (ICAN) को इस साल शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इस संस्था ने परमाणु हथियारों के खात्मे के अभियान में अहम रोल अदा किया है.
ICAN संस्था पिछले 10 सालों से वैश्विक स्तर पर परमाणु हथियारों पर बैन लगाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है.
ICAN दुनिया भर के नागरिक समाज का एक संगठन है जो परमाणु हथियारों पर पूरी तरह से रोक लगाने की संधि और उस पर अमल के लिए अभियान चला रहा है. इस अभियान की वजह से ही यह संधि भी हो सकी है. ICAN 2007 में शुरू किया गया और इस वक्त इस संगठन के 468 सहयोगी संस्थाएं हैं जो 100 देशों में फैली हैं.
नोबेल पुरस्कार मिलने से उत्साहित ICAN संस्था के ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीट्राइस फिन का कहना है कि हमें अभी और आगे जाना है. हमारा काम तब तक खत्म नहीं होगा, जबकि इस दुनिया से परमाणु हथियारों को पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता है.
नोबेल कमेटी ने चेतावनी दी है कि परमाणु युद्ध का संकट लंबे समय के बाद इस वक्त काफी बड़ा है.
नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में पोप फ्रैंसिस, सऊदी के ब्लॉगर रैफ बदावी, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ भी शामिल थे. कमिटी ने पुरस्कार की घोषणा के समय कहा कि हम इसके जरिए सभी परमाणु हथियार संपन्न देशों को यही संदेश देना चाहते हैं कि अगर वे इसका इस्तेमाल करते हैं तो यह कितना विनाशकारी साबित हो सकता है.