view all

मोदी का अमेरिका दौरा: पीएम का पाक पर निशाना, सुषमा की जमकर तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्जीनिया में भारतीय समुदाय को संबोधित किया

Nikhila Natarajan

अटक से कटक तक? आपने पहले कभी ऐसा सुना है?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वर्जीनिया के मैक्लीन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. बंदगला सूट में सजे पीएम ने इस मौके का इस्तेमाल पाकिस्तान पर निशाना साधने के लिए किया. उन्होंने भारत की बढ़ती ताकत का भी बखान किया: 'कश्मीर से कन्याकुमारी तक, अटक से कटक तक'. मोदी की इस बात ने वहां मौजूद एनआरआई श्रोताओं को थोड़ी देर के लिए चौंका दिया लेकिन उनके दिलों में हमेशा के लिए जगह भी बना ली.


विभाजन के बाद से अटक पाकिस्तान का हिस्सा है.

अमेरिका के हर हिस्से से आए करीब 800 लोगों ने एक शानदार बॉलरूम में करीब 40 मिनट तक मोदी की भाषणकला का आनंद लिया. हिंदी में दिए गए इस भाषण के लिए कोई टेलिप्रॉम्पटर नहीं था, न ही कोई तैयार नोट्स थे.

"अटक से कटक तक" गलती से निकले शब्द थे या फिर पुर्तगाल से अमेरिका की फ्लाइट के दौरान जानबूझकर गढ़ा गया एक जोरदार जुमला, मोदी के भाषण का रुख साफ था: पीएम मोदी ने भारत से दूर लाइव कैमरों के सामने 2019 के लिए ताल ठोक दी.

भारत पर केंद्रित रहा भाषण

यह भाषण भारत-अमेरिका रिश्तों के बारे में नहीं था. यह तो एक कुशल किस्सागो का संबोधन था जिसने वहां मौजूद भारतीयों ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बताया कि भारत क्या कर रहा है. पिछले साल मोदी ने अपने संबोधन में भारतीयों को सफलता का 'कच्चा माल' देने के लिए अमेरिका की तारीफ की थी, इस बार उन्होंने भारतीय-अमेरिकियों को कहा कि उनकी सरकार अब भारत में भी सफलता की ऐसी जमीन उपलब्ध करा रही है.

मोदी ने कहा, 'अपने देश को कुछ वापस देने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता.'

मोदी ने एक ऐसे भारत की कहानी सुनाई जो प्रेरणादायक भी है लेकिन असमानता के प्रहार से ग्रस्त भी. उन्होंने बताया कि कैसे कभी लकड़ी का चूल्हा जलाने वाली महिलाएं अब गैस सिलेंडर इस्तेमाल कर रही हैं. कैसे कभी उर्वरक की कमी से जूझ रहे किसानों की जरूरत अब पूरी हो रही है. कैसे एक सरकार तकनीक को अपनाकर सरकारी कामकाज को करप्शन से मुक्त कर सकती है.

सुषमा स्वराज की तारीफ

मोदी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जमकर तारीफ की. मोदी ने कहा कि स्वराज ने विदेश मंत्रालय को सूट-बूट वाले 'बड़े लोगों' की जगह के बजाय एक ऐसी मानवीय जगह बना दिया है जहां से दुनिया के किसी कोने में संकट में फंसा भारतीय मदद मांग सकता है और जहां से इन भारतीयों को मदद मिल रही है.

जमीन ब्रह्मभट्ट (35) एक यूरोलॉजिस्ट हैं जो ओरलैंडो से मोदी को सुनने आए थे. उन्होंने कहा कि वह भारतीय समुदाय के जुड़ने के इस मौके के लिए खुश हैं. उन्होंने फ़र्स्टपोस्ट से कहा, 'मैं राजनीति से नहीं जुड़ा हूं. लेकिन अपने समुदाय के लिए कुछ करना अहम है. भारतीय प्रधानमंत्री के साथ एक ही कमरे में होना अपने आप में प्रेरणादायक है.'

पाकिस्तान पर साधा निशाना

जैसा कि मोदी अपने भाषणों में अक्सर करते हैं, उन्होंने करीब आधी स्पीच होने के बाद अपना आक्रामक रुख दिखाया: उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मजबूत और स्पष्ट संदेश दिया.

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि पहले ऐसी कोई स्ट्राइक करने पर भारत को काफी आलोचना झेलनी पड़ती लेकिन इस बार एक भी देश ने भारत के खिलाफ उंगली तक नहीं उठाई. उन्होंने कहा, 'दुनिया ने भारत के पक्ष को स्वीकार लिया है, हमें अब किसी को और समझाने की जरूरत नहीं है.'

पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने चुटकी ली, 'जिनको भुगतना पड़ा वो अलग बात है.'

अगले ही पल मोदी के निशाने पर देश का विपक्ष था. 'इन तीन बेमिसाल सालों में हमारी सरकार पर एक भी दाग नहीं लगा.'

मोदी के लिए जमकर उत्साह

अमेरिका में मोदी के इस 'इंडिया मूमेंट' के लिए तैयारी शानदार थी. सिल्क और शिफॉन साड़ियों में सजी महिलाएं, महंगे सूटों में पुरुष, भगवा पहने संत और योगगुरू, डॉक्टर, वकील और बड़े व्यवसायी सभी इस मौके का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित दिखे.

सभी की मुराद पूरी हुई क्योंकि भारतीय दूतावास ने ऐसा इंतजाम किया था ताकि सभी एक-एक कर छोटे-छोटे समूहों में पीएम के साथ तस्वीरें ले सकें.