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जानिए क्या है अंतर यूएस के 'मदर ऑफ ऑल बम' और रूस के 'फादर ऑफ ऑल बम' में

पहली बार दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया.

FP Staff

अमेरिका ने आईएसआईएस के खिलाफ अफगानिस्तान में पहली बार दुनिया के सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम का इस्तेमाल किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जीबीयू-43 नाम के इस बम को 'मदर ऑफ ऑल बम' भी कहा जाता है. पहली बार इसका परीक्षण 2003 में इराक युद्ध शुरु होने से पहले किया गया था.

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वहीं अमेरिका के बाद रूस ने भी दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम 'फादर ऑफ ऑल बम' बनाने का दावा किया. रूस ने दावा किया की उसका ये बम अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बम से करीब चार गुणा ज्यादा शक्तिशाली है. जानिए इन दोनों गैर-परमाणु बम से जुड़ी कुछ रोचक बातें...

मदर ऑफ ऑल बम

- इस बम का वजन करीब 21600 पौंड ( 9,797 किग्रा ) है.

- इस बम के गिराए जाने पर सवा तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाली हर एक चीज तबाह हो जाती है.

- इसकी कीमत करीब 2000 करोड़ रुपए है.

- अमेरिका के पास फिलहाल ऐसे करीब 20 बम है.

- पहली बार इसका परीक्षण 2003 में इराक युद्ध शुरु होने से पहले किया गया था.

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फादर ऑफ ऑल बम

- इस बम का पहली बार परीक्षण 11 सितंबर, 2007 में किया गया था.

- साइज में ये बम एमओएबी से छोटा है, लेकिन विनाश करने की इसकी क्षमता एमओएबी से दोगुणी है.

- इसे सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम माना जाता है.

- इससे होने वाली तबाही लगभग परमाणु बम जैसी ही होती है. लेकिन इससे रेडिएशन का खतरा नहीं होता.