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जनमत संग्रह में हार के बाद, इटली के प्रधानमंत्री का इस्तीफा

ग्रिलो की अगुवाई में सत्ता विरोधी फाइव स्टार मूवमेंट इसकी अगुवाई कर रही थी.

FP Staff

इटली के प्रधानमंत्री मत्तेओ रेंजी ने इस्तीफा दे दिया. वाल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर के मुताबिक रविवार को हुए संविधान संशोधन के लिए हुए इस जनमत संग्रह में हार के बाद रेंजी ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है. इटली में 1948 में बने संविधान में संशोधन करने के लिए खुद रेंजी ने पहलकदमी ली थी.

आईएएनएस में विभिन्न एजेंसियों में छपी खबर के मुताबिक रेंजी संविधान में संशोधन करके ऊपरी सीनेट की शक्तियां कम करना चाहते थे.


'सीएनएन' के अनुसार, रेंजी (41) संविधान में संशोधन कर ऊपरी सदन सीनेट की शक्तियां कम करते हुए इसके सदस्यों की संख्या 315 से 100 सीमित करना चाहते थे.

पॉपुलिस्ट पार्टियां संविधान में संशोधन नहीं होने के पक्ष में मतदान के लिए प्रचार कर रही थीं। हास्य कलाकार से राजनेता बने बेप्पे ग्रिलो की अगुवाई में सत्ता विरोधी फाइव स्टार मूवमेंट इसकी अगुवाई कर रही थी.

‘सीएनएन’ के अनुसार इस जनमत संग्रह में करीब 70 फीसदी लोगों ने मतदान किया. करीब 60 फीसदी मतदाताओं ने संविधान संशोधन के विरोध में वोट डाला.

इस जनमत संग्रह में रेंजी की हार के बाद यह कयास लगाया जा रहा कि इटली निकट भविष्य में यूरोपीय संघ से बाहर आ सकता है.

विश्लेषकों को डर है कि यदि मध्यावधि चुनाव से ग्रिलो सत्ता में आते हैं, तो वह यूरो को खत्म करने और इतालवी मुद्रा लिरा की वापसी तथा ब्रिटेन की तर्ज पर यूरोपीय संघ से अलग होने को लेकर भी जनमत संग्रह का आह्वान कर सकते हैं।