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चीन: युवा कम्युनिस्टों को तैयार करने के लिए माओ के भरोसे हैं शी जिनपिंग

माओ की विदेश नीति और केंद्रीय सत्ता के बारे में विचार शी के एजेंडा को आगे बढ़ाने में आज भी काफी मददगार हैं

FP Staff

लोकतंत्र. क्या यह प्रभावी या दोषपूर्ण है? क्या यह चीन में काम करेगा? बहस करें. यह हाल ही में चीन में शिक्षकों को निर्देश दिया गया, जब 17 कॉलेजों के स्टूडेंट्स सिन्हुआ यूनिवर्सिटी में ‘माओ जेडोंग के विचार और चीनी लक्षणों के साथ समाजवाद की सैद्धांतिक प्रणाली’ की क्लास में मिले. यह कोर्स चीनी सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अनिवार्य है.

19 वर्षीय आर्किटेक्चर के छात्र झांग टिंकाई माओ के वक्त हुए सांस्कृतिक क्रांति की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि उन्होंने इस क्लास में लोकतंत्र के बारे में पढ़ा और यह सीखा कि यह चीन में नहीं टिक सकता. एक अन्य छात्र कहते हैं कि लोकतंत्र आसानी से लोकप्रियतावाद में तब्दील हो जाता है, जैसा हम ताइवान में देख सकते हैं.


टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक छात्रों के बीच लोकतंत्र को लेकर विचारों में यह समानता सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को खुश करने के लिए है जो हमेशा पश्चिम के उदारतावाद के खतरे के खिलाफ बोलते रहते हैं. लेकिन पार्टी के सामने अब नए दौर के कम्युनिस्ट युवाओं को प्रेरित करना और उनमें वैचारिक स्पष्टता लाना एक चुनौती है.

क्यों पढ़ाए जा रहे हैं माओ?

ये छात्र सार्वजनिक रूप से ऐसे कोर्स की तारीफ करते हैं कि लेकिन निजी तौर पर कई यह कहते हैं यह कोर्स नीरस, बेकार, अप्रासंगिक और प्रोपगेंडा को फैलाना वाला है और वे बड़े बेमन से इसमें भाग लेते हैं. एक क्लास में ये छात्र ऐतिहासिक ड्रामा और स्कैन किए गए सोशल मीडिया साइट्स के द्वारा माओ की विचारधारा के बारे में पढ़ते हैं और अगले सेशन में अपने दोस्तों से बातें करते हैं और फिजिक्स की समस्याओं पर काम करते हैं.

ये कोर्स दशकों से चीन में पढ़ाए जा रहे हैं और राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पार्टी के लिए ये काफी महत्वपूर्ण हैं. माओ के समय में हुए कई उथल-पुथल के बावजूद आज भी चीन में अधिकांश लोग उन्हें हीरो मानते हैं. माओ की विदेश नीति और केंद्रीय सत्ता के बारे में विचार शी के एजेंडा को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं. शी के दबाव में छात्रों के लिए विचारधारा की कक्षाओं को रोचक और आकर्षक बनाने का प्रयास हो रहा है. प्राइमरी और सेकेंडरी स्तर के बाद कॉलेज के छात्रों को भी माओ की विचारधारा का पाठ पढ़ाया जा रहा है.

माओ के विचारों के साथ-साथ शी जिनपिंग के विचारों को भी अब पढ़ाया जा रहा है. क्लासरूम के बाहर शी जिनपिंग की उक्तियों के बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हुए हैं. जिनमें पार्टी और विचारधारा के लिए निष्ठा की बातें लिखी हुईं हैं.