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नेपाल में फंसे 1500 मानसरोवर यात्री, 104 को सुरक्षित निकाला गया

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय और शीर्ष अधिकारियों से बात की है

FP Staff

नेपाल में फंसे 1500 भारतीय तीर्थयात्रियों में से 104 को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. ये सभी तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर निकले थे, और लौटते वक्त खराब मौसम और भारी बारिश के चलते नेपाल में ही फंस गए थे. रेस्क्यू किए गए तीर्थयात्रियों को सिमिकोट इलाके से निकालकर नेपालगंज में रखा गया है.


पीएम ने लिया जायजा

बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय और शीर्ष अधिकारियों से बात की है. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि प्रभावितों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएं.

हेलिकॉप्टर की मदद से जारी बचाव कार्य

नेपाल में भारत के कार्यकारी राजदूत बीके रेगमी ने कहा कि 3600 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिलसा में फंसे लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने की कोशिश जारी है. इसके लिए नेपाल सरकार के 11 हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है और प्राइवेट हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल भी इसमें किया जा रहा है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को ट्वीट किया कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं.

सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत ने तीर्थयात्रियों और उनके परिवारों के लिए हॉटलाइन स्थापित की है और उन्हें तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में सूचनाएं दी जाएंगी .

विदेश मंत्री ने कहा, 'नेपाल में भारतीय दूतावास ने नेपालगंज और सिमिकोट में प्रतिनिधि तैनात किए हैं. वे तीर्थयात्रियों के संपर्क में हैं और उन्हें भोजन और आवास मुहैया करा रहे हैं.'  सुषमा स्वराज ने कहा कि सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि हिलसा में हमने पुलिस प्रशासन से जरूरी मदद देने का आग्रह किया है.

सूत्रों ने बताया कि नेपाल में भारतीय दूतावास ने सभी टूर ऑपरेटरों से कहा है कि जितना संभव हो वे तीर्थयात्रियों को तिब्बत की तरफ रखें क्योंकि नेपाल की ओर पर्याप्त मेडिकल और नागरिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं.