लड़कियों की शिक्षा और उनके अधिकारों की वकालत करने वाली नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई अपने वतन पाकिस्तान आई है. अधिकारियों का कहना है कि 2012 में हुए तालिबान हमले के बाद वह पहली बार अपने देश वापस लौटी है. इस यात्रा के बारे में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यात्रा की संवेदनशीलता को देखते हुए उनके कार्यक्रमों और अन्य जानकारियों को गोपनीय रखा गया है.
पीएमएल- एन ने ट्वीट किया है, पाकिस्तान पहुंचने के कुछ ही घंटों के भीतर मलाला ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और कुछ अन्य अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में मुलाकात की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान गुल मकाई का उसके घर में स्वागत करता है. हमें आप पर गर्व है.# मलालाघरवापसलौटी.’
स्थानीय टीवी चैनलों पर आयी तस्वीरों के मुताबिक, 20 वर्षीय मलाला अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से कड़ी सुरक्षा के बीच बाहर आईं. 9 अक्टूबर, 2012 को स्वात घाटी में तालिबान के बंदूकधारियों ने मलाला की स्कूल बस रोकी और उसमें घुस कर सवाल किया 'मलाला कौन है?' जबाव मिलने पर उन्होंने उसे गोली मार दी.
इस घटना ने लड़कियों की शिक्षा की पुरजोर वकालत करने वाली मलाला के दुनिया भर में मानवाधिकारों का प्रतीक बना दिया. घटना के बाद मलाला ब्रिटेन चली गई, जहां उनका इलाज बर्मिंघम में हुआ और उसने अपनी स्कूली शिक्षा भी वहीं पूरी की. मलाला 2014 में सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली व्यक्ति बनीं. वह फिलहाल ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी कर रही हैं.