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श्रीलंका: राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रपति ने किया संसद भंग, 5 जनवरी को होंगे चुनाव

सिरिसेना ने देश की संसद को शुक्रवार आधी रात से भंग करने संबंधी गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर करने के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की है

FP Staff

श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त करने के बाद देश में तैयार हुए राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच बीते शुक्रवार को संसद को भंग करने का आदेश जारी कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार उन्होंने श्रीलंका में समय से पहले 5 जनवरी 2019 को आम चुनाव कराए जाने का फैसला कर लिया है. सिरिसेना ने देश की संसद को शुक्रवार आधी रात से भंग करने संबंधी गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर करने के बाद इसकी औपचारिक घोषणा की है.

19 से 26 नवंबर के बीच इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाएंगे 


खास बात यह है कि बीते दो सप्ताह से चल रहे राजनीतिक और संवैधानिक संकट के बीच यह एक और चौंकाने वाला कदम बताया जा रहा है. गजट नोटिस के अनुसार 19 नवंबर से 26 नवंबर के बीच इस चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरे जाएंगे और चुनाव 5 जनवरी 2019 को होंगे. इसके बाद नए संसद की बैठक 17 जनवरी को बुलाई जाएगी. संसद को भंग करने का ये बड़ा कदम राष्ट्रपति के सहयोगी द्वारा यह बताने के कुछ घंटे बाद उठाया गया है कि श्रीलंका में मौजूदा राजनीतिक एवं संवैधानिक संकट को समाप्त करने के लिए समय से पहले चुनाव या राष्ट्रीय जनमत संग्रह नहीं कराने का सिरिसेना ने फैसला किया है.

आधी रात का ये फैसला 19वें संशोधन के हिसाब से असंवैधानिक है

विश्लेषकों का मानना है कि आधी रात का ये फैसला 19वें संशोधन के हिसाब से असंवैधानिक है. 19 वें संशोधन के अनुसार राष्ट्रपति साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले प्रधानमंत्री को बर्खास्त नहीं कर सकते या संसद को भंग नहीं कर सकते हैं. इन सब के बीच विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली यूनाइटेड नेशनल पार्टी ने एक बयान में कहा है कि हम संसद को भंग करने के फैसले का जोरदार तरीके से विरोध करते हैं. उन्होंने लोगों से उनके अधिकार छीन लिए हैं. राजनीतिक दलों ने कहा कि सिरिसेना द्वारा 225 सदस्यों वाले संसद को भंग करने के फैसले के बाद देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव अगले साल जनवरी में कराए जा सकते हैं. हालांकि इसका कार्यकाल अगस्त 2020 में पूरा होना था.