view all

अब भी प्रासंगिक है गांधी का साम्प्रदायिक सौहार्द और सहिष्णुता का संदेश: गुटेरेस

गुटेरेस ने कहा कि उन्हें इसको लेकर खुशी है कि भारत की उनकी पहली यात्रा ऐसे समय हो रही है जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए कार्यक्रमों की शुरूआत होगी

Bhasha

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उनके सांप्रदायिक सौहार्द और सहिष्णुता के संदेश को पहले की तरह ही प्रासंगिक है. गुटेरेस ने यह बात संयुक्त राष्ट्र महासचिव के तौर पर भारत की अपनी पहली यात्रा से पहले कही है.

गुटेरेस भारत की यात्रा पर ऐसे समय जा रहे हैं जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए 2 अक्टूबर से कार्यक्रमों की शुरूआत हो रही है. गुटेरेस ने कहा कि उन्हें इसको लेकर खुशी है कि भारत की उनकी पहली यात्रा ऐसे समय हो रही है जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए कार्यक्रमों की शुरूआत होगी. जो ‘भारत के महान सामाजिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक नेता थे और जो इतिहास की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक हैं.’


अशांत विश्व में गांधी का साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संदेश है प्रासंगिक

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गांधी का शांति और अहिंसा का संदेश भारत से बाहर काफी आगे गया है. इसके कारण ही 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाना निर्धारित किया. गुतारेस ने कहा, ‘आज के अशांत विश्व में गांधी का साम्प्रदायिक सौहार्द्र और सहिष्णुता का संदेश पहले की तरह ही प्रासंगिक है. मेरा मानना है कि यह जरूरी है कि गांधी की विरासत संरक्षित रहे और यह कि विश्व के देश अपनी विशिष्ट सांस्कृति और धार्मिक विविधता को संजोए और उसका सम्मान करें.’

उन्होंने कहा कि विश्व को लोकतांत्रिक बनाने और अत्यंत गरीबी और भुखमरी मिटाने के प्रयास में भारत को एक विशेष भूमिका निभानी है. उनका कहना है कि वह टेकनोलॉजी के क्षेत्र में भारत के वैश्विक रूप से अग्रणी बनने की प्रशंसा करते हैं. 80 करोड़ लोगों के 35 वर्ष से कम आयु के होने के मद्देनजर उनका मानना है कि युवा भारतीय न केवल भारत के भविष्य को रूप दे रहे हैं बल्कि पूरे विश्व को बेहतर बनाने में योगदान कर रहे हैं.