जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक नाबालिग लड़की की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या की घटना ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया है. इससे ज्यादा दरिंदगी क्या हो सकती है जो पीड़ित बच्ची महज 8 साल की हो और उसके खिलाफ अपराध करने वाले वयस्क और किशोर. मामला हालांकि जनवरी का है लेकिन इसकी जघन्यता को देखते हुए यह घटना दिन और महीनों में कैद नहीं की जा सकती. इसीलिए लोग मजहब और संप्रदाय, जाति और कुनबे से ऊपर उठकर अपराधियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.
क्या कहा बीबीसी ने
घटना उजागर होने के पहले दिन से लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री वी के सिंह से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और फिल्म जगत से जुड़ी नामचीन हस्तियों ने नाराजगी जाहिर की है. विदेशी मीडिया भी उस मासूम बच्ची के पक्ष में खुलेआम उतर गया है. जैसा कि बीबीसी ने लिखा, कठुआ की घटना ने लोगों को हिला कर दिया. रेप के इस मामले ने यह भी उघाड़ दिया कि हिंदू बहुल जम्मू और मुस्लिम बहुल कश्मीर किस हद तक एक दूसरे से बंटे हुए हैं. बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से लिखा है कि पीड़ित लड़की कैसे गायब हुई, मामले में जांच कहां तक पहुंची और उसके बाद इस घटना ने जम्मू-कश्मीर को किस दशा में लाकर छोड़ा है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने विस्तार से लिखा
अमेरिका के नामी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने तो इसपर बाकायदा बड़ी सी स्टोरी की है. उसने लिखा है कि हिंदुस्तान में कैसे कोई रेप और हत्या की घटना मजहबी तनाव बढ़ा सकती है.
स्टोरी के मुताबिक, भारत में एक और डरावनी यौन हिंसा की घटना हुई है जिसमें एक कमजोर बच्ची के खिलाफ क्रूर लोगों ने साजिश रची. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी हिंसा की यह घटना धर्म के अखाड़े में घसीटी जा रही है.
रिपोर्ट आगे कहती है, हिंदू राष्ट्रवादियों ने मामले को चिल्ल-पों में तब्दील कर दिया है...वे इंसाफ की मांग नहीं कर रहे,...बल्कि आरोपियों को बचाने में मशगूल हैं. गिरफ्तार सभी आरोपी हिंदू हैं, और..खानाबदोश लोग बकरवाल हैं वे मुस्लिम.
एपी ने 'कट्टर हिंदुओं' पर मढ़ा आरोप
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने भी इस मामले में टिप्पणी की है. हालांकि उसने 16 दिसंबर को दिल्ली में घटे निर्भया कांड से इसे जुदा माना है. एपी ने लिखा, एक मुस्लिम लड़की के साथ रेप, अत्याचार और फिर हत्या ने कश्मीर में अलग तरह के विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है. कट्टर हिंदू समर्थित संगठनों के हजारों कार्यकर्ता मार्च निकाल रहे हैं और उन छह लोगों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ एक हिंदू मंदिर में बच्ची के साथ रेप के बाद उसकी हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है.
वॉशिंगटन पोस्ट ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट लिखी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कठुआ की घटना ने हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव बढ़ा दिया है. यह मामला भारत में धार्मिक गतिरोध की ओर इशारा करता है. एक तरफ वैसे लोग हैं जो पीड़िता के लिए न्याय मांग रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग आरोपियों के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं.
कठुआ में एक बच्ची 10 जनवरी को अपने घर के पास से लापता हो गई थी. उसका शव करीब एक हफ्ते बाद उसी इलाके से मिला. मामले की जांच करने वाले विशेष जांच दल ने दो एसपीओ और एक हेड कांस्टेबल सहित आठ लोगों को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि कई लोगों का समूह आरोपियों को बचाने के लिए सड़क पर उतर गया है.