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सऊदी अरब का खुलासा: खशोगी की गला दबाकर हत्या फिर किसी और को बनाया खशोगी

सऊदी सरकार नहीं चाहती थी कि उनके दुश्मन देश सऊदी के लोगों को नौकरी दें इसिलए वो एक अभियान शुरू करना चाहती थी और खशोगी को इस अभियान में शामिल होने के लिए मनाना चाहती थी

FP Staff

सउदी अरब ने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की पुष्टी कर दी है. इसके बाद यह भी पता चल गया कि उनकी हत्या कैसे हुई थी. सऊदी अरब के अधिकारी ने पहचान छुपाए रखने की शर्त पर बताया कि 2 अक्टूबर को 15 लोगों की टीम खशोगी के विरोध के लिए भेजी गई थी. इन लोगों ने पहले खशोगी को ड्रग देने और किडनैप करने की धमकी दी. खशोगी ने जब उनका विरोध किया तो उनलोगों ने उन्हें गला घोंटकर मार दिया.

इसके बाद उन 15 लोगों में से एक ने खशोगी के कपड़े पहने ताकि यह दिखाया जा सके की खशोगी सही सलामत दूतावास से बाहर गए थे.


सउदी ने की थी मौत की पुष्टी

जमाल खशोगी पिछले कुछ हफ्तों से लापता थे. उन्हें आखिरी बार इस्तांबुल के सऊदी अरब दूतावास में दाखिल होते हुए देखा गया था. यहां से उनके बाहर जाने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है.

इस दौरान यह खबरें भी आईं कि उनकी हत्या कर दी गई है, लेकिन सऊदी लगातार इससे इनकार करता रहा. हालांकि शनिवार को खुद सऊदी अरब ने  इस बात की पुष्टी कर दी कि जमाल खशोगी तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में मारे गए हैं.

तुर्की के अधिकारियों को शक था कि जमाल खशोगी के शव को काटा गया था लेकिन सउदी अधिकारी ने बता या कि खशोगी के शव को एक स्थानीय सहकर्मी को डिस्पोजल के लिए दे दिया गया था. यह पूछे जाने पर कि क्या खशोगी पर अत्याचार या फिर उनके सिर पर वार किया गया था? अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी से जब पूछा गया कि सऊदी खशोगी की मौत को लेकर बार-बार बयान क्यों बदलते रहे थे? इस पर अधिकारी ने बताया कि सऊदी के शुरुआती बयान गलत जानकारी पर आधारित थे. जब इस बात का पता चला कि सऊदी के पास मामले को लेकर गलत जानकारी है तो एक बार फिर आंतरिक जांच की गई. इस दौरान सऊदी सार्वजनिक तौर पर कोई बयान देने से भी बचता रहा. अधिकारी ने बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है. तुर्की के सूत्रों के मुताबिक तुर्की अथॉरिटी के पास घटना से जुड़ा एक ऑडियो क्लिप भी है लेकिन उसे अभी तक रिलीज नहीं किया गया है.

खशोगी से क्या चाहती थी सउदी सरकार?

अधिकारी के ताजा बयान के मुताबिक सऊदी सरकार चाहती थी कि खशोगी एक अभियान का हिस्सा बनकर सऊदी वापस लौट आएं. दरअसल सऊदी सरकार नहीं चाहती थी कि उनके दुश्मन देश सऊदी के लोगों को नौकरी दें इसिलए वो एक अभियान शुरू करना चाहती थी और खशोगी को इस अभियान में शामिल होने के लिए मनाना चाहती थी. इसलिए 15 लोगों की एक टीम इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास भेजी गई.