न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन की ने सोमवार को पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे के ऐलान ने सभी को चौंका दिया है.
की ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'मेरे लिए यह बहुत ही कठिन फैसला है. मैं पारिवारिक कारणों से इस्तीफा दे रहा हूं. यह एक बड़ी वजह है, लेकिन और भी कई कारण हैं. मेरे लिए राजनीति छोड़ने का यह सही समय है.'
खबरों के मुताबिक, जॉन की ने कहा कि वह हमेशा नई प्रतिभा को आगे आते देखना चाहते हैं, इसीलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह सांसद के रूप में अगले चुनाव तक काम करते रहेंगे. खबरों के मुताबिक सत्तारूढ़ नेशनल पार्टी की बैठक 12 दिसंबर को होगी जिसमें नए पार्टी नेता और प्रधानमंत्री का चुनाव किया जाएगा.
55 साल के जॉन की 19 नवंबर 2008 को न्यूजीलैंड के 38वें पीएम चुने गए थे. वह इसी साल 25 अक्टूबर को भारत के 3 दिन के दौरे पर आए थे. इस दौरान उनके और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर बात हुई थी.
जॉन की के इस्तीफे के बाद अब बिल इंग्लिश को नए पीएम के रूप में प्रबल दावेदार माना जा रहा है. वह जॉन की के उपप्रधानमंत्री हैं. की ने भी कहा है कि वह इंग्लिश का समर्थन करेंगे.