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आईएस ने मोसुल में 850 साल पुरानी अल-नूरी मस्जिद उड़ाई

14 शताब्दी में प्रसिद्ध यात्री और विद्वान इब्न बतूता ने इस ऐतिहासिक मस्जिद की यात्रा की थी

Bhasha

मोसुल में बुधवार को जिहादियों ने ऐतिहासिक अल-नूरी मस्जिद को उड़ा दिया है. इसी मस्जिद में साल 2014 में पहली बार सबके सामने आए अबु बक्र अल-बगदादी ने खुद को 'खलीफा' घोषित किया था.

इस्लामिक स्टेट ने अपनी प्रचार एजेंसी 'अमाक' के जरिए तुरंत एक बयान जारी कर इसके लिए अमेरिकी हमले को जिम्मेदार ठहराया. जबकि अमेरिका ने 1172-73 में बने इस स्थल को नष्ट किए जाने की निंदा की और इसे मोसुल और इराकी लोगों के खिलाफ अपराध बताया.


'लगातार हार से तिलमिला गए हैं जिहादी'

इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल आब्दी ने बुधवार को कहा कि स्थल को नष्ट किए जाने से यह साबित होता है कि जिहादी अपनी हार से तिलमिला गए हैं.

मोसुल पर किए जा रहे हमलों के कमांडर स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल आमीर याराल्लाह ने बयान में कहा कि हमारे सैनिक ओल्ड सिटी में भीतर बढ़ रहे हैं. जब वे ऐतिहासिक अल-नूरी मस्जिद और हदबा मस्जिद के 50 मीटर के दायरे में पहुंच गए तो आईएस ने दोनो मस्जिदों को उड़ा दिया. यह घटना ओल्ड सिटी पर कब्जा करने के चौथे दिन हुई. इराकी बलों को नाटो का समर्थन हासिल था.