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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा राम मंदिर विवाद, इराक से जारी हुआ रिजवी के लिए फतवा

26 साल पुराना अयोध्या मंदिर विवाद अब देश की सरहदें पार कर विश्व स्तर पर पहुंच गया है

FP Staff

26 साल पुराना अयोध्या मंदिर विवाद अब देश की सरहदें पार कर विश्व स्तर पर पहुंच गया है. शिया समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु इराक के अयातुल्लाह अली अल-सिस्तानी ने फतवा जारी कर कहा है कि वक्फ की संपत्ति पर मंदिर या फिर किसी अन्य धार्मिक स्थल के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती.

क्या बोले शिया समुदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु


दरअसल यूपी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने राम मंदिर निर्माण के लिए वक्फ संपत्ति को दिए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद यूपी के कानपुर में शिया बुद्धिजीवी डॉ. मजहर अब्बास नकवी ने इराक स्थित सिस्तानी के दफ्तर में मेल भेज फतवा जारी करने की मांग की थी. सिस्तानी का ये बयान यूपी शिया वक्फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिज्वी के लगातार मंदिर बनाने को लेकर दिए जा रहे बयानों के चलते आया है. सिस्तानी ने कहा कि मस्जिद का निर्माण शिया शासक ने किया था. इसलिए प्रॉपर्टी पर अधिकार वक्फ का है.

अंतरराष्ट्रीय दबाव में वक्फ बोर्ड

वहीं सिस्तानी के फतवे को लेकर रिजवी ने कहा है कि शिया वक्फ बोर्ड पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है कि वो बाबरी मस्जिद को लेकर मुकदमा दर्ज कराने वालों का समर्थन करे. अयातुल्ला द्वारा जारी किया गया ये फतवा रणनीति का हिस्सा है. शिया वक्फ बोर्ड भारत के संविधान में जो नियम हैं, उसके हिसाब से ही चलेगा. न कि किसी आतंकी या फतवा के दबाव में. हम अयातुल्ला की सलाह का पालन करने के लिए बाध्य नहीं हैं.

फतवे के जवाब में क्या बोले रिजवी

रिजवी ने कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है शिया वक्फ बोर्ड देश और समाज के विकास को लेकर चिंतित है. हिंदुओं को उनका हक मिलना चाहिए और मुस्लिमों को दूसरों का हक छीनने से बचना चाहिए. चाहे पूरी दुनिया के सभी मुस्लिम हमारे विरोध में खड़े हो जाएं, शिया वक्फ बोर्ड अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा.