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ब्रिटेन: लैंडलॉर्ड ने करी पकाने के लिए भारतीय किराएदार पर किया केस, हारा

ब्रिटिश मकान मालिक ने ये रोक इसलिए लगाई थी क्योंकि ये किरायेदार कर पकाते थे और इसकी महक फैलती है

Bhasha

ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत और पाकिस्तान के ‘अश्वेत’ लोगों को अपनी संपत्तियां किराए पर देने पर एक ब्रिटिश मकान मालिक के प्रतिबंध को गैरकानूनी ठहराया है. इस ब्रिटिश मकान मालिक ने ये रोक इसलिए लगाई थी क्योंकि ये किरायेदार करी पकाते है और इसकी महक फैलती है.

दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट में फर्गेस विल्सन की सैंकड़ों संपत्तियां है. विल्सन ने हालांकि इसे नस्लभेदी होने से इनकार किया था लेकिन मेडस्टोन काउंटी की अदालत ने इस हफ्ते उसकी इस नीति के खिलाफ आदेश दिया जिससे वे ये कानूनी लड़ाई हार गया.


अदालत की अवमानना की तो होगी जेल

आदेश में कहा गया है कि विल्सन भारतीय और पाकिस्तानी लोगों को अपनी संपत्तियां किराए पर देने से रोकने के लिए एक किराया नीति लागू नहीं कर सकता है.यदि आदेश का उल्लंघन किया गया और उसे अदालत की अवमानना

करते हुए पाया तो उसे जेल हो सकती है और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.

समाज में कोई स्थान नहीं है

जज रिचर्ड पोल्डेन ने अपने आदेश में कहा, ‘मैंने ये नीति गैरकानूनी पाई है. इस तरह की नीति का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है.’ 69 वर्षीय मकान मालिक और पूर्व बॉक्सर ने समानता और मानवाधिकार आयोग (ईएचआरसी) के खिलाफ अदालत में खुद का बचाव किया. ईएचआरसी ने इस नीति को चुनौती दी थी.