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प्रथम विश्वयुद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों के अवशेष फ्रांस में दफनाए जाएंगे

सेना ने एक बयान में रविवार को कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को पेरिस से करीब 230 किमी दूर लावेन्टी सैन्य कब्रिस्तान के निकट रिचेबोर्ग गांव के दक्षिणी हिस्से में खुदाई के दौरान दो मानव अवशेष पाए गए थे

Bhasha

भारतीय सेना की 39वीं रॅायल गढ़वाल राइफल्स के दो जवानों के अवशेषों को फ्रांस के ला जॉर्ज सैन्य कब्रिस्तान में 12 नवंबर को दफनाया जाएगा. यह दोनों भारतीय सैनिक प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस में शहीद हो गए थे.


सेना ने एक बयान में रविवार को कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को पेरिस से करीब 230 किमी दूर लावेन्टी सैन्य कब्रिस्तान के निकट रिचेबोर्ग गांव के दक्षिणी हिस्से में खुदाई के दौरान दो मानव अवशेष पाए गए थे.

अवशेषों के पास से बरामद सामान की जांच के बाद उनकी पहचान 39 वीं रॉयल गढ़वाल रायफल्स के जवानों की तौर पर हुई थी.

बयान के मुताबिक, इन गुमनाम नायकों की कब्र के संरक्षक ‘राष्ट्रमंडल युद्ध कब्र आयोग कार्यालय’ (सीडब्ल्यूडब्ल्यूजीसी) ने फ्रांसीसी सरकार और फ्रांस में भारतीय दूतावास के साथ परामर्श के बाद लावेंती सैन्य कब्रिस्तान में उन्हें पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ दफनाने का फैसला किया.

लगभग 52 महीने तक चला था प्रथम विश्वयुद्ध

प्रथम विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक मुख्य तौर पर यूरोप में व्याप्त महायुद्ध को कहते हैं. यह महायुद्ध यूरोप, एशिया व अफ़्रीका तीन महाद्वीपों और समुंदर, धरती और आकाश में लड़ा गया.

इसमें भाग लेने वाले देशों की संख्या, इसका क्षेत्र (जिसमें यह लड़ा गया) तथा इससे हुई क्षति के अभूतपूर्व आंकड़ों के कारण ही इसे विश्व युद्ध कहते हैं.

ये लगभग 52 माह तक चला और उस समय की पीढ़ी के लिए यह जीवन की दृष्टि बदल देने वाला अनुभव था. करीब आधी दुनिया हिंसा की चपेट में चली गई.

इस दौरान अंदाजन एक करोड़ लोगों की जान गई. इससे दोगुने घायल हो गए. इसके अलावा बीमारियों और कुपोषण जैसी घटनाओं से भी लाखों लोग मरे.