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भारतीय-अमेरिकी पर आतंकवाद के आरोप, छिन सकती है अमेरिकी नागरिकता

अहमद पर उन आतंकवादियों को सामग्री मुहैया कराने का दोषी पाया गया था जो इराक या अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों को निशाना बनाना चाहते थे

Bhasha

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने आतंकवाद के दोषी पाए गए एक भारतीय मूल के व्यक्ति की अमेरिकी नागरिकता रद्द करने को लेकर केस दायर किया है.

खलील अहमद (37) को 2010 में आठ साल और चार महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी और सजा पूरी होने पर रिहाई के बाद भी उसपर तीन साल तक नजर रखने को कहा गया था.


कार्यवाहक एसोसिएट अटॉर्नी जनरल जेसी पानुसियो ने अहमद की नागरिकता वापस लिए जाने के लिए मंगलवार को इलिनॉए की एक संघीय अदालत में केस दर्ज कराने के बाद कहा, 'नागरिकता रद्द करना हमारे आंतकवाद रोधी प्रयासों का एक महत्त्वपूर्ण कदम है. हम इसी सरगर्मी से अहमद जैसे व्यक्तियों की तलाश करना और उनपर अभियोग चलाना जारी रखेंगे.' अहमद ने 2004 में अमेरिकी नागरिकता हासिल की थी.

अहमद के खिलाफ दर्ज शिकायत में उस पर आरोप है कि नागरिकता हासिल करने की प्रक्रिया के दौरान उसने अपने आपराधिक आचरण के बारे में गोपनीयता बनाए रखी और आव्रजन अधिकारियों को आतंकवाद संबंधी गतिविधियों की जरा भी भनक होती तो उसका आवेदन रद्द हो जाता.

स्पेशल एजेंट इन चार्ज जेम्स गिबन्स ने कहा, 'अमेरिका कभी भी आतंकवादियों का समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकता.'

उन्होंने कहा, 'जब आव्रजन का लाभ लेने के लिए कोई झूठ बोलता है तो व्यवस्था बुरी तरह कमजोर हो जाती है और हमारे राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है.'

अहमद को 2009 में विदेश यात्रा के जरिए उन आतंकवादियों को सामग्री मुहैया कराने का दोषी पाया गया था जो इराक या अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य बलों को निशाना बनाना चाहते थे.