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23 साल तक अवैध रूप से सऊदी में रहने के बाद वतन लौटेगा भारतीय नागरिक

उसने अपनी पत्नी रोनीक्यम को आखिरी बार तब फोन किया था जब वह 2015 में अस्पताल में भर्ती थीं

Bhasha

सऊदी अरब में 23 साल से अवैध रूप से रह रहा एक 52 वर्षीय भारतीय नागरिक जल्द ही भारत लौटेगा. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी सरकार ने 90 दिनों की माफी अवधि घोषित की है, जिसके बाद इस भारतीय व्यक्ति के स्वदेश लौटने का रास्ता साफ हो गया है.

गण प्रकाशन राजमरियन नाम का यह व्यक्ति सऊदी अरब के हाइल प्रांत के एक सुदूरवर्ती गांव में खेतों में काम करने के लिए अगस्त, 1994 में सऊदी अरब आया था.


तमिलनाडु में कन्याकुमारी के रहने वाले राजमरियन ने कहा कि सऊदी में उसके पहले मालिक ने उसे छह महीने तक प्रति महीने केवल 100 रियाल दिए.

23 सालों में एक बार भी घर नहीं गया राजमरियन

सऊदी गजट की खबर के मुताबिक, उसे फिर दूसरे मालिक और फिर तीसरे मालिक के पास भेज दिया गया. पिछले 23 सालों में वह एक बार भी घर नहीं जा पाया.

अखबार ने राजमरियन के हवाले से कहा, 'तीनों मालिकों में से मुझे पक्के तौर पर पता नहीं है कि कौन मेरा स्पॉन्सर था. सबसे बड़ी बात की मुझे उनसे कोई वेतन नहीं मिला इसलिए मैंने फरार होने और मजबूरी के कारण गैर कानूनी रूप से रहने का फैसला लिया.'

उसने कहा कि रेगिस्तान ही उसकी किस्मत थी जहां उसने अपनी आधी जिंदगी बिता दी.

पहले थी छोटी-छोटी बेटियां, अब नाती-नातिन भी हैं

उसने कहा, 'जब मैंने घर छोड़ा था तो मेरी चार छोटी-छोटी बेटियां थी. अब जब मैं लौट रहा हूं तो उसी उम्र के मेरे नाती-नातिन हैं.' राजमरियन ने कहा कि उसने सऊदी अरब में अपनी कमाई से चार में से तीन बेटियों की शादी करवा दी. उसके पास ना तो कोई मकान है और ना ही आधार या कोई अन्य पहचान पत्र जो उनके देश छोड़ने के बाद बनाए गए हों.

उसने अपनी पत्नी रोनीक्यम को आखिरी बार तब फोन किया था जब वह 2015 में अस्पताल में भर्ती थीं. उसके बाद वह उसे फोन नहीं कर पाए क्योंकि वह बात नहीं कर सकती थी और एक साल बाद उसकी मौत हो गई थी.

राजमरियन ने हाइल स्थित सामाजिक कार्यकर्ता सर्फुद्दीन थय्यिल की मदद से भारत लौटने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है. उसे जल्द ही सउदी अरब से रवाना होने की उम्मीद है.

हजारों भारतीय कामगार हैं घर लौटने को तैयार

राजमरियन के अलावा हजारों अन्य भारतीय कामगार भी सऊदी अरब में फंसे हैं. इनमें ऐसे लोग हैं जो या तो अवैध तरीके से यहां आए या वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रह गए. इनमें बड़ी संख्या में तमिलनाडु के लोग शामिल हैं. ये लोग सऊदी अरब सरकार द्वारा घोषित 90 दिन की माफी अवधि के दौरान भारत लौटने के लिए तैयार हैं.

सऊदी अरब में भारतीय राजदूत अहमद जावेद ने कहा कि आपराधिक मामलों में वांछित और जिनके पास वैध वीजा तथा पासपोर्ट हैं वे इस माफी के तहत नहीं आते.

दोबारा कानूनी रूप से वापस आ सकते हैं काम करने

जावेद ने अवैध रूप से रह रहे सभी लोगों से अपील की कि वे देश छोड़ने के लिए माफी अवधि का इस्तेमाल करें. वे जब चाहे तब दोबारा सऊदी अरब में कानूनी तौर पर काम करने के लिए आ सकते हैं.

रियाद में भारतीय दूतावास और जेद्दाह में कॉन्सुलेट जनरल को आपातकालीन यात्रा पास के लिए 26,713 अर्जियां मिली है और 56 दिन पहले घोषित किये गए माफी अवधि से लेकर अब तक कुल 25,894 पास जारी किए गए हैं.